महिला सशक्तीकरण विशेषांक 258, डॉ जया त्रिपाठी, भदोही
*👩👩👧👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-258*
*मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी*
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(दिनाँक- 21 मार्च 2021)
नाम - 👩🏻🏫 डॉ जया त्रिपाठी
पद - सहायक अध्यापक
विद्यालय- उच्च प्राथमिक विद्यालय चकसुन्दर, ज्ञानपुर, भदोही, उत्तर प्रदेश
*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*
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प्रथम नियुक्ति तिथि-31.12.2005, वर्तमान नियुक्ति तिथि-26.08.2019
"बस वही पढे़ मुझको, जिसके अन्दर स्वाभिमान हो,
नाम हिन्दुस्तानी जिनका, मजहब हिन्दुस्तान हो,
यही तो हम सबके लिए शिक्षकों, हमारा अभियान है,
परिषदीय शिक्षक महान है, हम भदोही की शान हैं"
जब मेरी प्रथम नियुक्ति भदोही के प्राथमिक विद्यालय चकवा में हुई उस समय विद्यालय की पठन-पाठन व्यवस्था ठीक-ठाक थी किंतु विद्यालय अन्य बहुत सी समस्याओं से जूझ रहा था अराजक तत्वों का जमावड़ा रहता था लोग इधर-उधर से ताका झांकी किया करते थे व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं चलती थी जिससे कि पठन-पाठन भी बाधित होता था किंतु मेरे अथक प्रयास के द्वारा पुलिस प्रशासन से मदद लेने के साथ ही ग्राम प्रधान से भी मदद लेने के साथ ही बाउंड्री वाल का निर्माण हुआ, जिससे कि वहां पर विद्यालय पूर्णतया सुरक्षित हो गया| उसके पश्चात मैं प्रमोशन करके लखनपुर भदराॅव, डीघमें गयी जब मैं वहाँ पहुंची, वहां पर भी विद्यालय पूरी तरह ग्राम वासियों के कब्जे में था विद्यालय के कक्ष में गांव वालों के आलू एवं सब्जियां फैली रहती थी विद्यालय के प्रांगण में भैंसों का बसेरा भेड़ इत्यादि बंधे रहते थे, जिससे अपने साहस व धैर्य के साथ विद्यालय को विद्यालय के रूप में परिवर्तित करवाया, जब मैं वहां गई सभी कहते थे यह महिला है डेढ़ साल की बच्ची को लेकर आई हैं यह क्या पढ़ाएंगी किंतु मेरी लगन मेरी विद्या के प्रति निष्ठा अथक प्रयास व निरंतर अथक परिश्रम से अंत में पूरा ग्राम मेरे कार्य का कायल हो गया |जहां छात्र संख्या बहुत ही कम थी वहां निरंतर छात्र की बढ़ोतरी होने लगी और बच्चों के साथ बच्चियां भी विद्यालय आने लगी |
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत- मैं भदोही जनपद से संदर्भ दाता के रूप में अपने कार्य को करते हुए सभी शिक्षिकाओं सुगम कर्ताओं को प्रशिक्षण देने का कार्य एवं परिषदीय विद्यालय की बालिकाओं को मीना मंच के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया एवं कस्तूरबा विद्यालय की बच्चियों को भी प्रशिक्षित किया एवं अनेक विषयों पर समय-समय पर डायट में प्रशिक्षण दिया बीआरसी में भी विभिन्न विषयों, संदर्भों पर शिक्षकों को मेरे द्वारा प्रशिक्षित किया गया भदोही ही एक ऐसा शहर है जहां पुरूष शिक्षक सदैव तत्पर रहते हैं और महिला शिक्षिका अभी भी विद्वता, कौशल, साहस, ज्ञान होते हुए भी कहीं ना कहीं पीछे रह जाती हैं यह मेरा स्वयं का अनुभव है किंतु मेरे द्वारा इस रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए बढ़-चढ़कर सभी कार्यों में प्रतिभागिता होने के कारण पूरे जनपद में ही सम्मान प्राप्त हुआ है|
प्रशस्ति पत्र प्राप्ति- वैश्विक महामारी कोविड-19 के समय मेरे द्वारा विशेष अभियान लॉक डाउन में ऑनलाइन शिक्षा चलाया गया जिसमें की व्हाट्सएप के माध्यम से "जया की संस्कारशाला "नाम से एक समूह चलाया जिसमें न केवल परिषदीय विद्यालय के बच्चे अपितु विभिन्न जनपदों जैसे लखनऊ, बरेली, रायबरेली, चंदौली, प्रयागराज के बच्चों ने भी सहभागिता ली सभी बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई करी साथ ही साथ मेरे द्वारा एमसीक्यू प्रश्नोत्तरी तैयार की गई जिससे सभी बच्चे लाभान्वित हुए और आज वह सब बच्चे विद्यालय में पढ़ाई निरंतर कर रहे हैं|
विभिन्न जागरूकता अभियान चलाए गए हैं- मेरे द्वारा बच्चों को जागरूक करने के लिए बहुत से जागरूकता अभियान चलाए गए हैं बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर, बाल अधिकार, बाल विवाह, दहेज प्रथा, नशा उन्मूलन एवं वैश्विक महामारी के प्रति जागरूक किया गया है बच्चों को हेल्पलाइन नंबर -1090 बालिकाओं को 1098,181,112,नंबर की जानकारियां प्रदान की गई है जिससे बहुत सी बालिकाएं लाभान्वित हो रही है और उसका लाभ बालिकाओं के द्वारा पूरे समाज में फैलाया जा रहा है|
विभिन्न प्रशस्ति पत्र- मेरे कार्यों को भदोही जनपद में बहुत ही सराहना मिली मेरे विद्यालय में आज विद्यालय का वातावरण आनंदमई हो गया है। बच्चे बिल्कुल परिवार का अनुभव करते हैं खुल कर बातें करते हैं अपनी बातों को निसंकोच हम सबके समक्ष रखते हैं निर्भीक होकर कहीं भी बातें कर सकते हैं और बच्चे मेरी मदद से बहुत से ही t.l.m. बनाते हैं मॉडल बनाते हैं विज्ञान के छोटे-छोटे प्रयोग करते हैं इस नित नए प्रयोग के माध्यम से मेरे विद्यालय में शिक्षा का स्तर उत्कृष्ट हो गया है। एवं मेरे जीवन के झंझावातो और परिषदीय विद्यालय के जंजावतो से मैं जूझते हुए आज पूरे मनोबल के साथ कार्य कर रही हूं जिसके परिणाम स्वरूप प्रशस्ति पत्र के रूप में मुझे माननीय डीएम महोदय के द्वारा माननीय बीएसए महोदय के द्वारा एबीएसए के द्वारा एवं एसडीएम के द्वारा सीडीओ के द्वारा प्रशस्ति पत्र प्राप्त हो चुके हैं। लाईफ स्किल एंड लीडरशिप की एस. आर. जी. के प्रशस्ति पत्र को प्राप्त कर चुकी हूं जिससे मन में कोई भी कुंठा नहीं है कार्य को निरन्तर सकारात्मक सोच के साथ कर रही हूंँ|
_✏संकलन_
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद।*
Great effort Mam 👍👍👍👌
ReplyDeleteGreat 👍 mam
ReplyDeleteGreat job
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