विश्व तम्बाकू निषेध दिवस

तम्बाकू का सेवन करके लोग बहुत इतराते हैं।
लेकिन इसके अवगुण को वो समझ नहीं पाते हैं।

खाकर पान, गुटका, खैनी चौराहे पर मुस्काते हैं।
थूक थूक कर चारों ओर गन्दगी फैलाते हैं।

बीड़ी, सिगरेट के धुएँ का छल्ला आसमान में बनाते हैं।
तम्बाकू और गाँजा का कश भी जमकर खूब लगाते हैं।।

अगर कोई इन्हें मना है करता, उनसे ही भिड़ जाते हैं।
बात-बात पर ही ए सबको ताव दिखाते हैं।।

अब इनको कौन समझाए कि तम्बाकू से नुकसान बहुत।
कैंसर हो जाने से, साल में जातीं जान बहुत।

जिसको कैंसर हो जाता है, जान भी उसकी जाती है।
उनके पीछे, उनके परिवार रोते-बिलखते रह जाते हैं।।

आओ सब मिल जुलकर, आज ये कसम खाते हैं।
दूर रहेंगे तम्बाकू से, खुशियों का महल बनाते हैं।।

रचयिता 
कमलेश प्रसाद वर्मा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय रिकेबीपुर,
विकास खण्ड-रामपुर,
जनपद-जौनपुर।

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