महिला सशक्तीकरण 219, प्रतिभा वर्मा, बुलन्दशहर

*👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-219*

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2655667864710794&id=1598220847122173

*मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी*
(दिनाँक- 25 मई 2020)
नाम- प्रतिभा वर्मा
पद- सहायक अध्यापक (विज्ञान)
विद्यालय- पू० मा० वि० रतनपुर, जहांगीराबाद, बुलंदशहर

*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*
👉
वर्तमान विद्यालय में ही मेरी मूल नियुक्ति 24 सितंबर 2015 में हुई थी।  विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाचार्य श्री तेजपाल सिंह जी हैं, जिन्होंने मुझसे 25-26 दिन पहले ही विद्यालय का कार्यभार संभाला था। जब मैं प्रथम दिन विद्यालय गई तो पूरे विद्यालय का फर्श टूट हुआ था एक रूम में फर्श ही नहीं था। पूरे विद्यालय  परिसर में बहुत बड़े-बड़े गड्ढे थे। विद्यालय का परिसर काफी बड़ा था परंतु पेड़-पौधों के नाम पर शीशम के दो बहुत छोटे पौधे तथा पूरे परिसर में कटीली घास थी। जब मैं कक्षा में गई, तब सभी विद्यार्थी एक ही कक्षा में  बैठे हुई थे उस दिन 21 विद्यार्थियों में से मात्र 11 विद्यार्थी ही कक्षा में उपस्थित थे।विद्यालय में लगभग सौ बच्चों का फर्नीचर था परंतु सारा टूटा-फूटा। फर्नीचर में जगह-जगह कबूतरों ने अपने अंडे रखे हुए थे। कमरे की दीवारों में काफी दरारे थी खिड़कियां भी टूटी हुई थी। तब से विद्यालय के स्टाफ में श्री तेजपाल सिंह जी तथा मैं (प्रतिभा वर्मा) ही हूं। परंतु हम दोनों ने मिलकर विद्यालय की सूरत बदलने की कोशिश आरंभ कर दी, हमने बच्चों को बहुत अच्छे से पढ़ाना आरंभ कर दिया। बच्चों को सामान्य ज्ञान  और विषय संबंधित जानकारी काफी अच्छे से   देने लगे। धीरे-धीरे स्कूल के कमरों से लेकर प्रांगण की सफाई सर और मैंने, बच्चों की मदद से करनी आरंभ कर दी। इस वर्ष की कंपोजिट ग्रांट से आए  रुपए से तथा अपने रुपए से, पहले एक रूम का फर्श बनवाया, कमरे की दरारे भरी, श्यामपट्ट ठीक कराये और टॉयलेट की रिपेयरिंग कराएं जिससे कि टॉयलेट चालू हो सके, स्कूल का नल ठीक कराया। पूरे विद्यालय पर व्हाइटवाश करवाया तथा साथ ही धीरे-धीरे पूरे परिसर की सफाई भी, धीरे-धीरे हमने पौधे लगाने आरंभ करें, कुछ मैं अपने घर से लेकर गई और कुछ सर। परंतु इसके बाद भी विद्यालय में छात्र-छात्राओं का नामांकन नहीं बढ़ा धीरे-धीरे गांव के लोगों से पता चला कि बच्चों का नामांकन क्यों नहीं बढ़ रहा है  दो मुख्य कारण:- 
पहला कारण एक अध्यापक द्वारा बच्चियों को परेशान करना था और  दूसरा कारण स्कूल के पीछे श्मशान घाट था। फिर हमने लोगों को बताया है कि अब वे अध्यापक स्कूल में अब नहीं है और लोगों को विश्वास दिलाया की विद्यालय में आपके बच्चे सुरक्षित हैं, उसके बाद हमने घर-घर जाकर बच्चों के माता-पिता को जागरूक किया और उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया तथा उन्हें विश्वास दिलाया है कि हम उनके बच्चे को अच्छी शिक्षा देंगे। धीरे-धीरे हमारी मेहनत रंग लाई और हमारे विद्यालय में छात्र संख्या बढ़ने लगी दूसरे साल 21(2015-16) की स्थान 35(2016-17) हो गई उसके  अगले साल 67 (2017-18) और उससे अगले साल 85(2018-19)  तथा इस साल  92 (2019-20) बच्चे हमारे स्कूल में नामांकित हैं। मैंने लड़कियों को विशेषकर कला सिखाइए जैसे कढ़ाई करना, पेंटिंग बनाना, क्राफ्ट  तथा लड़कों को भी विभिन्न प्रकार के क्राफ्ट सिखाएं जिससे बच्चों की रुचि स्कूल के प्रति बढ़ी, समर कैंप लगाया जिसमें बच्चों को मेहंदी लगाना, विशेष प्रकार की पेंटिंग, बालों के डिजाइन  सिखाएं। बच्चों के नामांकन बढ़ने के साथ-साथ बच्चों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया और उनमें पदक लेकर आते रहे हैं। इस बार हमारी खो खो, कबड्डी तथा दौड़ के बच्चे ने जिले स्तर प्रतियोगिताओं में भाग लिया, दौड़ में हमें दो पुरस्कार मिले। विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता में भी हमारे बच्चों ने कई बार जिला स्तर पर प्रदर्शन किया और ब्लॉक स्तर पर मेडल जीते। आज हमारे विद्यालय परिसर में 100 से भी अधिक पौधे लगे हुए हैं। प्रतिवर्ष किचन गार्डन में विभिन्न सब्जियों बोते हैं, जिसमें पिछले साल हमारे क्यारी में लहसुन काफी अच्छा हुआ था पूरे वर्ष  लहसुन का उपयोग MDM में किया गया।  गांव प्रधान की मदद से स्कूल के गेट की मरम्मत कराई गई, सड़क से लेकर स्कूल तक आरसीसी रोड बनवाई गई, विद्यालय में पानी का पंप के लिए  लगाया तथा इसके साथ ही गांव प्रधान ने स्कूल में जो खिड़की टूटे हुए थी उनकी मरम्मत कराई। अब हमारे विद्यालय के अधिकतर गड्ढे भर चुके हैं इस वर्ष हमारे स्कूल में ही न्याय पंचायत स्तर की क्रीड़ा प्रतियोगिता भी कराई गई। स्कूल के बच्चों का ज्ञान, साफ सफाई, वॉल पेंटिंग, TLM  तथा पेड़-पौधों देख कर आज सभी अधिकारीगण एवं गांव के लोग  प्रशंसा करते हैं। अभी कुछ महीनों के लिए एक शारीरिक शिक्षा के अनुदेशक श्री राजकुमार वर्मा जी का कुछ समय के लिए हमारे विद्यालय में अटैचमेंट किया गया जिन्होंने हमारे विद्यालय के बच्चों को विषयगत ज्ञान के साथ-साथ आत्म सुरक्षा एवं शारीरिक शिक्षा की विशेष शिक्षा दी।
कहते हैं आप दोनों ने मृत स्कूल में जान डाल दी।

_✏संकलन_
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद।*

Comments

Total Pageviews