नशामुक्त हम अपना देश बनाएँ

समस्त व्यसनों को दूर भगाएँ
नशामुक्त हम अपना देश बनाएँ

बिक्रीकर्ता हेतु मात्र व्यापार
धन अर्जन का एक प्रकार
लेनदार की हार ही हार
नशे की लत होती बेकार
खुशियाँ हैं इसका आहार
मिलती ना इज्जत ना ही प्यार
अपनी खुशियों को ना दाँव पर लगाये

समस्त व्यसनों को दूर भगाएँ
नशामुक्त हम अपना देश बनाएँ

कर्मफलों से जी चुराते
व्यसनों को अपना हथियार बनाते
स्वतः ही बीमारियों को न्योता दे आते
होती आर्थिक, शारीरिक हानि
अन्ततः पड़ जाती जान गँवानी
फिर भी दुनिया इसकी दीवानी
नशे के दीवानों को समझाएँ

समस्त व्यसनों को दूर भगाएँ
नशामुक्त हम अपना देश बनाएँ

रचयिता
रीनू पाल,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय दिलावलपुर,
विकास खण्ड - देवमई,
जनपद-फतेहपुर।

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