पृथ्वीराज चौहान जयंती

प्रतिभाशाली बालक आया, चौहान वंश में खुशहाली,
सोमेश्वर है नाम पिता का, माता कपुरदेवी,
1166 में जन्म लिया, नाम राज्य का है गुजरात,
13 वर्ष में गद्दी सँभाली, क्षत्रिय राज पृथ्वीराज।
सैन्य कौशल में निपुण योद्धा, शब्दभेदी बाण चलाए,
6 भाषाओं का सम्यक पृथ्वीराज ज्ञान पाए,
चौदह कला संपन्न कामदेव के रूप कहाए,
चर्चाओं में रहे सदा, संयोगिता को वर लाए।।
दिग्विजय अभियान चलाया, चहुँदिश कीर्ति फैली,
संस्कृत, प्राकृत, माग्धी, पैशाची, अपभ्रंश और शौरसैनी।।।
सन् 1177 में भादा नक को युद्ध में हराया,
1182 में जेजकमुक्ती शासक को भगाया,
नहीं रुका अभियान अभी भी, घोड़ा आगे दौड़ाया,
1183 में चालुक्य शासक भी निशाने पर आया।।।
17 बार मुहम्मद गोरी युद्ध जीत न पाया,
तरायन के द्वितीय युद्ध में पृथ्वीराज को हराया,
यातनाएँ पायीं शारीरिक, इस्लाम धर्म न अपनाया,
बस नहीं चला गोरी का तो, अंधा उन्हें बनाया।।।
मित्र चंदबरदाई ने फिर, अपना फर्ज निभाया,
गोरी का वध करने पृथ्वी ने शब्दभेदी बाण चलाया,
नाम कर गए अमर वो जग में, पृथ्वीराज कहाये,
अन्तिम शासक हिन्दू, चौहान वंश का परचम लहराए।।।।

रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जिला-बाँदा।

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