ईद

रमजान हुए पूरे, ईद आई,
चाँद देख सब देने लगे बधाई।
बच्चों ने शुरू कर दी तैयारी,
नए कपड़े पहनने की आई बारी।।

बच्चे खुश हैं, पापा संग ईदगाह जाएँगे,
ईदगाह में मेले से नए खिलौने लाएँगे।
सुबह हुई माँ ने जल्दी से सेवईं बनाईं,
नमाज पढ़ गले लग सबने दी बधाई।।

जाति धर्म का भेद मिटाकर सबको गले लगाना,
गले लगाकर दुश्मन से भी पुराने द्वेष मिटाना।
मानवता का धर्म बड़ा है बच्चों को समझाना है,
ईद बड़ा पवित्र त्योहार बच्चों को बतलाना है।।

इस ईद में बच्चों को दे दो ऐसी त्योहारी,
अच्छी शिक्षा दे दो उनको जो सब पर भारी।
अच्छे संस्कार अगर बच्चे सीख जाएँगे,
बड़े होकर अच्छे नागरिक कहलाएँगे।।

रचयिता
शहनाज बानो,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय भौंरी -1,
विकास क्षेत्र-मानिकपुर,
जनपद-चित्रकूट।

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