विश्व कछुआ दिवस

23 मई 2018 से  सकल विश्व में,
कछुआ दिवस मनाया गया था।
दुर्लभ प्रजातियों की रक्षा  हेतु,
अमेरिकन टॉरटॉयज रेस्क्यू द्वारा अपनाया गया था।

जन जागरूकता हो सभी में यह दृढ़ संकल्प उठाया गया,
लुप्तप्राय प्रजाति बचाना एटीआर का उद्देश्य बताया गया। 

कछुओं की प्रजाति विश्व में, सबसे पुरानी मानी जाती,
साँपों, छिपकली से पहले अस्तित्व में ये बतायी जाती।

कछुए  जीते  लम्बे समय तक, है यह  बात  खा़स
कवच  उन्हें  सुरक्षा  देते, मृत्यु  आती  नहीं  पास

4 इंच  सबसे  छोटे  'बोग  कछुए' लम्बाई  में  होते
1500  पांउड  के 'लेदरी  कछुए', वजन  में  होते

असम के 'दीमा हसाओ' में 'हेंजोंग झील' पाया जाता
कछुआ झील है यह, 400-500 कछुआ पाया जाता

इस झील में, 'हिल टेरर्पिन्स दुर्लभ' कछुए पाये जाते
बचा लो इनकी प्रजातियों को, हाथ जोड़ हम कहते

रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
डोभी, जौनपुर।

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