महिला सशक्तीकरण 220, ईला सिंह, फतेहपुर

*👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-220*

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*मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी*
(दिनाँक- 26 मई 2020)

नाम:- इला सिंह
पद:- सहायक अध्यापक
विद्यालय:- कम्पोजिट विद्यालय पनेरुआ, अमौली, फ़तेहपुर
*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*
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मेरा मानना है कि अगर आप कुछ करना चाहते हैं, सफ़ल होना चाहते हैं तो आपको अपनी राहें खुद बनानी पड़ती हैं। हौसला और धैर्य रखना पड़ता है तब जाकर कहीं मंज़िल तक आप पहुँच पाते हैं। और बिना दूसरों के सहयोग से वह मुक़ाम नहीं बन पाता है। एक टीम भावना से कार्य करना होता है।
💁🏻‍♀️ मैं इला सिंह सहायक शिक्षिका कम्पोजिट स्कूल पनेरुआ, विकास खण्ड-अमौली, जनपद- फ़तेहपुर।
मेरी नियुक्ति 31 अगस्त 2009 को प्राथमिक विद्यालय कीरत सिंह का पुरवा, अमौली-फ़तेहपुर में बतौर सहायक शिक्षिका हुई थी। सहायक शिक्षिका के रूप में नया माहौल था। धीरे-धीरे समझ कर नई शुरुआत की
        जैसा कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मष्तिष्क का निर्माण होता है। वैसे ही एक सुन्दर व भौतिक परिवेश का निर्माण कर आप छात्रों के अन्दर की छिपी हुई अन्तर्निहित शक्तियों को बाहर निकाल सकते हैं।
💁🏻‍♂️ जब मेरी नियुक्ति विद्यालय में हुई-
👉🏻विद्यालय का भौतिक परिवेश सुन्दर नही था।
👉🏻बाउण्ड्रीवाल न होने के कारण जानवर विद्यालय के प्रांगण में बाँधे जाते थे।
👉🏻विद्यालय का शैक्षिक माहौल ठीक नहीं था।
👉🏻 अभिभावकों को विद्यालय से लगाव न था।
💁🏻‍♀️ मेरे द्वारा किये गए प्रयास-
👉🏻ग्रामीणों को समझा बुझाकर धीरे धीरे व्यवस्था में सुधार का प्रयास किया गया।
👉🏻 विद्यालय में कक्षा-कक्षों को सुव्यवस्थित किया गया।
👉🏻दैनिक क्रिया-कलापों को धीरे-धीरे एक नया स्वरूप प्रदान किया
👉🏻बाल संसद का निर्माण कर छात्रों को उनके दायित्वों से परिचित कराकर उनके अन्दर लीडरशिप की भावना का विकास किया गया।
👉🏻शिक्षण कार्य में छात्रों को समूह में बाँटकर उनका शिक्षण कार्य प्रारम्भ किया गया। परिणाम स्वरूप उनका आत्मविश्वास बढ़ा और बौद्धिक स्तर ऊँचा हुआ।
👉🏻विद्यालय में क्राफ़्ट मेकिंग कार्य और छोटी-छोटी प्रतियोगिताएँ कराकर उनके रचनात्मक कौशल को विकसित किया।
👉🏻समय-समय पर अभिभावकों से सम्पर्क कर विद्यालय के विकास एवं प्रगति पर चर्चा की एवं विद्यालय में सादर आमन्त्रित कर उनको विद्यालय के प्रति उनके दायित्व का बोध कराया।
👉🏻 बाउण्ड्रीवाल का निर्माण हो जाने पर क्यारियों व फुलवारियों का निर्माण कर भौतिक परिवेश सुन्दर बनाया गया।
👉🏻श्री सत्य नारायण मिश्रा सर की सेवानिवृत्ति के उपरान्त प्रभारी प्रधानाध्यापक के तौर पर 8 माह कार्य करते हुए विद्यालय की प्रगति हेतु हर सम्भव प्रयास किया-
👉🏻जिलाधिकारी श्रीमती कंचन वर्मा महोदया द्वारा गठित टीम के द्वारा जब विद्यालय की गुणवत्ता की जाँच हुई, छात्रों की गुणवत्ता अच्छी पायी गयी।
👉🏻 मार्च 2015 को विद्यालय में श्रीमती दीप वर्मा जी ने प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। उनके साथ और उनका सहयोग करते हुए विद्यालय की अच्छी प्रगति हुई।
👉🏻 दिसम्बर 2016 में प्रोन्नत होने पर मेरी नियुक्ति पू०मा०वि० चटिहा, अमौली में हुई। यहाँ पर श्री रामनाथ सर का सानिध्य मिला। मैंने सर जी के मार्गदर्शन में पूर्ण मनोयोग से कार्य किया और बहुत कुछ सीखा व सिखाया।
👉🏻 इसके बाद समायोजन के कारण मैंने इसी विकास खण्ड के पू०मा०वि० पनेरुआ में कार्यभार ग्रहण किया। और आज भी मैं इसी विद्यालय में पूरे मनोयोग से कार्य कर रही हूँ एवं बच्चों के भविष्य को सँवारने का हर सम्भव प्रयास कर रही हूँ।

_✏संकलन_
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद।*

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