ईद मुबारक

ईद आई, खुशियाँ और बरकत लाई,
सबको इसकी मुबारकबाद।
ऐसे ही हम साथ रहें,
ऐसे ही देश रहे आबाद।

सदियों से इस देश में,
भाई का भाई से प्यार है।
ईद हो या दीवाली,
हर घर खुशियों से गुलजार है।
ईद आई, खुशियाँ और बरकत लाई,
सबको इसकी मुबारकबाद।

एक चाँद शिव का श्रृंगार,
तो दूजा ईद का त्योहार।
यही तो है संस्कृति हमारी,
एकता, अखंडता बहुत सा प्यार।
ईद आई, खुशियाँ और बरकत लाई,
सबको इसकी मुबारकबाद।

सेवईं सा मीठा हो,
हर भारतीय का मन।
पुराने कपड़ों सा उतर जाए,
बैर भाव और दंश।
पूजा-अजान हो साथ-साथ,
हे मालिक दो ऐसा वरदान।
ईद आई, खुशियाँ और बरकत लाई,
सबको इसकी मुबारकबाद।

हर दिन हो ईद,
हर दिन ही खुशियां बरसे।
मिलजुल कर यूँ ही साथ रहें हम,
बढ़े भाईचारा और प्यार।
ईद आई, खुशियाँ और बरकत लाई,
सबको इसकी मुबारकबाद।

रचयिता
सुधा गोस्वामी,
सहायक शिक्षिका,
प्रथमिक विद्यालय गौरिया खुर्द,
विकास क्षेत्र-गोसाईंगंज,
जनपद-लखनऊ।

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