ऊष्मा संचरण की विधियाँ

लोहे या किसी धातु की छड़ का,
गर्म करो तुम एक सिरा।
दूजा सिरा हो जाता गर्म क्यों?
करके पता बतलाना ज़रा।
ऊष्मा करती गर्म सिरे से,
ठंडे सिरे की ओर विचरण।
चालन विधि के द्वारा धातु में,
होता है ऊष्मा संचरण।
पानी या किसी और द्रव को,
जब भी गर्म किया जाता।
ऊपरी सतह नीचे से अधिक गर्म,
ये कैसा गुण पाया जाता?
द्रव का अणु ऊष्मा पाकर,
नीचे से ऊपर चला जाता।
धीरे-धीरे इस संवहन विधि से,
पूरा द्रव गर्म हो जाता।
चालन में धातु है माध्यम,
द्रव है माध्यम संवहन में।
माध्यमविहीन कौन सी बोलो,
विधि है उष्मा संचरण में?
सूर्य की उष्मा मिले धरती को,
वो विधि कहलाती है विकिरण
विकिरण द्वारा तो संभव है,
निर्वात में भी उष्मा संचरण।

रचयिता
दीप्ति सक्सेना,
प्रधानाध्यापिका,
मॉडल प्राइमरी स्कूल फतेहगंज ईस्ट -1,
विकास खण्ड-फरीदपुर,
जनपद-बरेली।

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