महिला सशक्तिकरण विशेषांक-292

*👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक -292*
*मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी*
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(दिनाँक-16/04/2024)
नाम:- सुनीता देवी
पद:- प्र० अ०
विद्यालय —प्रा. वि. निवादा 1क्षेत्र महुआ जनपद बांदा 
*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*👇
★प्रथम नियुक्ति -14/02/2009
★वर्तमान  नियुक्ति 25/05/2015
★प्रारम्भिक परिचय—शैक्षिक योग्यता, एम. ए.,बी. एड.।
अक्तूबर 2004 से 2007 तक शिक्षामित्र पद पर कार्य किया।
14/02/2009 से 24/05/2015 तक स. अ. के पद पर कार्य किया।
25/05/2015 से अद्यतन प्र. अ. के पद पर कार्य कर रहे हैं।
विशेष रुचि गायन एवम योग में है।
★विद्यालय की समस्या —
1—विद्यालय प्रांगण पर अतिक्रमण।
2—न्यून उपस्थिति।
3—कमजोर शैक्षिक स्तर।
4—सामुदायिक असहयोग।

★संघर्ष एवं सफलता की कहानी :
जब मैंने पहली बार अपनी कर्मभूमि प्रा. वि. निवादा 1 को देखा तो विद्यालय के चारो ओर जानवर ही जानवर कुछ तो विद्यालय की  खिड़कियों में बंधे थे।विद्यालय की सीढ़ियों पर गांव के अराजक तत्व बैठकर द्यूत क्रीड़ा वा ताश खेलते थे।प्रार्थना भी कक्षा कक्ष में होती थी।यह सब देखकर मन खिन्न हो गया और सोचा क्या यहां पर शिक्षण कार्य संभव है? लेकिन फिर जयशंकर प्रसाद जी की पंक्तियां याद आईं — "वह पथ क्या,पथिक कुशलता क्या जिस पथ पर बिखरे शूल न हो,नाविक की धैर्य परीक्षा क्या जब धाराएं प्रतिकूल न हो।"
 फिर क्या था , मैंने हार नहीं मानी कठिन संघर्ष करते हुए पुलिस एवम ग्राम पंचायत की सहायता से विद्यालय का अतिक्रमण हटवाया । आज मेरा विद्यालय सुंदर वॉल पेंटिंग से सुसज्जित चहारदीवारी  ,क्रियाशील किचन गार्डन, विभिन्न फलदार वृक्षों के पौधे वा फुलवारी से युक्त है।
●दूसरी समस्या थी न्यून उपस्थिति एवम कमजोर शैक्षिक स्तर की। हमारे विद्यालय के समीप ही एक प्राइवेट विद्यालय संचालित था, अधिकांश छात्र नामांकित  सरकारी विद्यालय में थे और उपस्थित प्राइवेट विद्यालय में थे, जिसके कारण विद्यालय की उपस्थिति 30 से 40 प्रतिशत ही रहती थी मैंने अभिभावक संपर्क करके उनसे बात की, विद्यालय में व्यवस्थित प्रार्थना सभा, गतिविधि आधारित शिक्षण, खेलकूद,नियमित उपस्थिति वाले छात्रों को पुरस्कृत करना, पी.टी., योग, सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी कराना वार्षिकोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रम, कक्षा 5 के छात्रों का सत्र समाप्ति पर विदाई समारोह, आदि विद्यालय में कराना प्रारंभ किया। फलस्वरूप धीरे— धीरे छात्र उपस्थिति बढ़ने लगी और शैक्षिक स्तर भी सुधरने लगा।आज हमारा विद्यालय निपुण घोषित होने के लिए तैयार है, हमारे विद्यालय की उपस्थिति 70 से 80 प्रतिशत रहती है और वह प्राइवेट विद्यालय बंद हो चुका है। विद्यालय विकास हेतु किए गए संघर्षों और प्रयासों को देखकर अब सामुदायिक सहयोग भी सराहनीय स्तर का प्राप्त होता है।
★विद्यालय की उपलब्धि—
ब्लाक स्तरीय आदर्श विद्यालय।
★स्वयं की उपलब्धि—
●राज्यस्तरीय योग प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त।
●राज्यस्तरीय कहानी सुनाओ ●प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त।
●जनपद स्तरीय मिशन शक्ति सम्मान पत्र।
●ब्लाक स्तरीय उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार।
★मिशन शिक्षण संवाद के लिये संदेश—
मिशन शिक्षण संवाद न सिर्फ शिक्षकों के लिए अपितु छात्रों के लिए भी  ज्ञान का एक ऐसा स्रोत है जो निरंतर ज्ञानवर्धन का कार्य करता रहता है।मिशन की पूरी टीम को धन्यवाद।
अंत में इतना ही कहना चाहती हूं कि
धैर्य नहीं छोड़ेंगे, हार नहीं मानेंगे,सफलता कब तक हमसे दूर होगी।
दृढ इच्छा शक्ति से टकराकर हर बाधा चकनाचूर होगी।।
        धन्यवाद
_✏संकलन_ - ज्योति कुमारी 
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद।*

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