अशिक्षा
अशिक्षा का अंधियारा जब
व्यक्ति के जीवन पर छाता है
मिट जाती हैं सारी खुशियाँ
वह हर पल पछताता है।।
अशिक्षित होना है अभिशाप
वह कोई कार्य कर नहीं पाता है
रह जाता है हरदम पीछे
वह अनपढ़ कहलाता है।।
समस्याओं का लग जाता अंबार
कोई हल नहीं मिलता है
भविष्य हो जाता है खराब
जीवन भी कष्ट से गुजरता है।।
जीवन की छोटी-छोटी बातों में
शिक्षा की कमी खलती है
शिक्षा की जरूरत हमें
हर कार्य में पड़ती है।।
तो आओ मिलकर समाज से
इस अभिशाप को मिटाएँ
जन-जन को करें शिक्षित
शिक्षित समाज बनाएँ।।
रचनाकार
मृदुला वर्मा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,
विकास खण्ड-अमरौधा,
जनपद-कानपुर देहात।
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