शाखाओं में अब नये पत्ते आ गए

शाखाओं में अब नये पत्ते आ गए!

कक्षा वही पुरानी थी, 

अब नये बच्चे आ गए;

टिमटिमाती आँखों के साथ,

भोले चेहरे लिए हुए,

दिल के सच्चे आ गए;

शाखाओं में अब नये पत्ते आ गए!


बीता कल गया, उसे गुज़रना ही है;

नई सुबह, नया लक्ष्य बेधना ही है;

छोड़ गए वो साथी, जुड़े थे जो बरसों से;

नया वसंत आया, कोयल ने नया राग गाया;

जीवन के तिमिर को अपनी महाशक्ति से

प्रज्ज्वलित करने आ गये;

शाखाओं में अब नये पत्ते आ गए!!

शाखाओं में अब नये पत्ते आ गए!! 


रचयिता
मीरा कन्नौजिया,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय हरखपुर,
विकास खण्ड-सिकरारा, 
जनपद-जौनपुर।

Comments

Total Pageviews