अवध में आनंद छायो गयो रे

अवध में आनंद छायो गयो रे

राम लला घनश्याम आयो गयो रे

दशरथ नंदन कौशल नंदन

महल दुमहले सुंदर  सज गयो रे।।

चैत्र शुक्ल पक्ष तिथि नवम

अवध में  ढोल ताशे बजने लगे

रघुकुल नंदन दशरथ नयनम

सब नर नारी बधाइयाँ गाने लगे।।

  मोर  पपीहा कोयल कूकन लगे

शीतल मन्द पवन पुरवाई बहने लगे

 बाग  बगीचे उपवन सब फूलन लगे  

नदी तड़ाग समुद्र सरिता उमंग तरंगें

सब लहर-लहर  कल-कल करने लगे।

धन्य भाग  भारत भूमि जननी के

अवधपुरी में उत्सव मनाओ रे

मुनि वशिष्ठ ने राम नाम करन कर

विश्वामित्र संग वन में  राक्षस संहार किये 

जय  रघुनंदन  जय कौशल नंदन जय सियाराम।।


रचयिता

माधुरी पौराणिक,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय हस्तिनापुर,
विकास खण्ड-बड़ागाँव,
जनपद-झाँसी।



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