कहावतों पर कहानियाॅं
*मिशन शिक्षण संवाद प्रस्तुत करता है*
Weekly express
*कहावतों पर कहानियाॅं*
*शनिवार 27/4/24*
*भाग*99*
*"निन्यानवे का फेर"*
बहुत पुरानी बात है।सेठ धनीराम के पड़ोस मे भोला नाम का एक मजदूर अपने परिवार के साथ रहता था।उसकी रुपये,बीस आने रोज़ की मजदूरी बनती थी। परंतु वह इतने में ही खुश रहता था। सेठ धनीराम हमेशा पैसे कमाने में लगे रहते और परिवार पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाते। उनकी पत्नी अपनी हवेली की छत से मजदूर भोला के परिवार की ख़ुशी देखकर उन्हें उलाहना देती हुए कहती, "तुम हमेशा काम में लगे रहते हो, तुम्हें न अपनी फ़िक्र है और न ही परिवारवालों की। भोला के परिवार को देखो इतनी कम कमाई में भी ये कितने खुशहाल हैं।"
यह सुनकर सेठ जी बोले, "भोला कभी निन्यानवे के फेर में नहीं पड़ा, वरना इसकी सारी हॅंसी और मस्ती चली जाती।"
*पूरी कहानी पढ़ने के लिए लिंक पर चटका लगाएं*
शब्द चयन एवम् संकलन
मीनाक्षी तिवारी (स०अ०)
उ०प्रा०वि०सिंगहा
सि०कर्ण,उन्नाव
📝 संकलन
(काव्यांजलि टीम)
Comments
Post a Comment