३१६~ अनुरंजना सिंह, ups कोठी लीहाई, विकासखंड-मानिकपुर, जनपद-चित्रकूट

🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद-चित्रकूट से साहित्य, संगीत एवं विविध कलाओं की धनी कलानिधि अनमोल रत्न बहन अनुरंजना सिंह जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच एवं विविध कलाओं की समर्पित व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-

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मैं अनुरंजना सिंह, ups कोठी लीहाई, विकासखंड-मानिकपुर, जनपद-चित्रकूट में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत हूँ।

हाईस्कूल, इंटर के बाद बी०ए० (समाजशास्त्र अर्थशास्त्र संस्कृत) इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पास करने के बाद संस्कृत विषय से स्नातकोत्तर किया।
2006 में B.Ed करने के बाद मुझे कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय डायट शिवरामपुर, चित्रकूट में 18 महीने को फुल टाइम टीचर के रूप में काम करने का मौका मिला जिसमें बच्चियों को पढ़ाने के साथ-साथ मेहंदी कला नृत्य आदि के माध्यम से पढ़ाई को रुचिकर बना दिया। बच्चियों का विद्यालय में मन लगने लगा और प्रदेश में पहले स्थान पर कस्तूरबा गांधी चित्रकूट का नाम जाना जाने लगा। वहाँ पर 2007 में प्राचार्य से मुझे प्रशस्ति पत्र भी मिला।
विशिष्ट बीटीसी करने के बाद 7 सितंबर-2009 को मेरी तैनाती प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के रूप में हुई जो मुख्यालय से बहुत ही दूर एवं दुर्गम स्थान पर था। वहाँ तमाम कठिनाइयों का सामना करते हुए मैं विद्यालय पहुंचती थी और बच्चों को पढ़ाई के प्रति जागरुक किया। अभिभावकों से संपर्क किया जहाँ पर 30 या 35 के बीच में उपस्थिति रहती थी, वहाँ पर मेरे प्रयासों के बाद 110 नामांकन के सापेक्ष उपस्थिति 80 तक पहुंच गई।
इसके बाद 2015 में मेरा स्थानांतरण अमुक विद्यालय में हुआ जब मैं यहाँ पहुँची तो नामांकन तो 130 था परंतु बच्चे 70-80 ही आते थे लड़कियों की उपस्थित तो बहुत ही कम थी। मैंने उनके साथ मित्रवत व्यवहार किया। उनको शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए तमाम तरह के तरीके अपनाएं कभी मेहदी से तो कभी बेसिक क्राफ्ट से कभी रंगोली से। विद्यालय में आने के लिए घर-घर जाकर उनकी माताओं से संपर्क किया और गीत संगीत और नृत्य से मैंने उनको इतना पारंगत किया कि उनकी झिझक दूर हो गई और 120 उपस्थिति संख्या पहुंच गई।

26 जनवरी में उनका मनमोहक कार्यक्रम देख कर उन्हें ₹15000 तक का इनाम भी मिला स्कूल में बच्चों की तारीफ के साथ मेरी भी सराहना हुई। उसी साल मंडल रैली में लोक नृत्य और समूह गान में मेरे बच्चों ने प्रतिभाग किया। स्टेट रैली में भी कबड्डी और खो-खो से कुछ बच्चे चयनित हुए।




आज भी मेरे विद्यालय के बच्चे
खेलकूद, योगा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आगे रहते हैं। शिक्षा का स्तर ठीक है। मेरा विषय मूल रूप से संस्कृत है। अन्य विषय भी पढ़ाती हूँ संस्कृत विषय में बच्चे हिंदी अनुवाद, श्लोकों का सस्वर वाचन करते हैं। यहाँ की उपस्थिति बहुत अच्छी है।
मैं समय-समय पर रंगोली, मेहदी, पेंटिंग प्रतियोगिता कराती रहती हूँ और प्रोत्साहन हेतु उनको इनाम भी देती हूँ। सिलाई कढ़ाई सिखाती हूँ और तमाम चीजें जैसे मुखौटे, कठपुतली आदि चीजें भी बच्चों को बनाना सिखाती हूँ और उनका प्रदर्शन कैसे करना है यह भी बताती हूँ मैंने अपने विद्यालय में बाल अखबार (बचपन की उड़ान) भी निकालना शुरू कर दिया है उससे एक दो बार बच्चों को बताने के बाद अपने आप तमाम चीजें ढूंढ-ढूंढ कर के पेपर में लिखते हैं और सप्ताहिक बाल अखबार निकालकर उसका प्रार्थना सभा में प्रस्तुतीकरण भी करते हैं जिससे दूसरे बच्चे भी प्रोत्साहित होते हैं।
मैं चाहती हूँ कि सरकारी विद्यालयों के प्रति जो लोगों की नकारात्मक सोच है वह बदले, गरीब बच्चे जितना हो सके आगे बढ़े और जो भी हमारे अंदर प्रतिभा है मैं उसको बच्चों के मध्य रखने की पूरी कोशिश करती हूँ। जीवन कौशल परक शिक्षा देने की पूरी कोशिश करती हूँ। मुझे लगता है कि यदि इन बच्चों को सही शिक्षा दे दी जाए तो यह भी जीवन की चुनौतियों का सामना करते हुए अच्छे नागरिक बन सकें तथा आगे बढ़ सकते हैं।🌹🌹











अंत में मैं धन्यवाद देना चाहूंगी👏👏 अपने पिता जी श्री चंद्रशेखर सिंह (भूतपूर्व प्र०अ०) का जिन्होंने मुझे पढ़ाया लिखाया। आगे बढ़ने का मौका दिया।
दूसरा आभार मेरे मौसाजी श्री आनंद कुँवर जी (absa बाँदा,)👏👏को जिन्होंने मुझे इस पुनीत कार्य को करने लायक बनाया। कुछ करने को प्रेरित किया। प्रोत्साहित किया और तीसरे मेरे पति श्री अमित कुमार सिंह जी (प्र०अ) जो मेरे ही संकुल में कार्यरत हैं। मेरे आगे बढ़ने में उनका पूरा सहयोग रहता है। मैं सबको दिल से धन्यवाद देती हूँ।👏👏
साभार:
अनुरंजना सिंह
Ups कोठीलीहाई, मानिकपुर चित्रकूट, up

नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।

टीम मिशन शिक्षण संवाद
18-04-2019

Comments

  1. बहुत बहुत बधाई हो दीदी आपको । बहुत ही सुन्दर एवं सराहनीय कार्य किया है।

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