दाखिला

अम्मा चलकर नाम लिखा दो।
हमें नई दुनिया दिखला दो।।

हमको भी है पढ़ने जाना।
नहीं करेंगे कभी बहाना।।
भले खिलौने सब रखवा दो।
अम्मा चलकर नाम लिखा दो।।

सरकारी स्कूल अनोखा।
इसमें दो पढ़ने का मौका।।
चलो मेरा दाखिला करा दो।
अम्मा चलकर नाम लिखा दो।।

सब मिलता है फ्री यहाँ पर।
ऐसी सुविधा और कहाँ पर?
हर सुविधा अब हमें दिला दो।
अम्मा चलकर नाम लिखा दो।।

जूता-मोज़ा बैग-किताबें।
खाना-स्वेटर ड्रेस सब पावें।।
हमको हमारा हक़ दिलवा दो।
अम्मा चलकर नाम लिखा दो।।

सुना है प्यारी दीदी आती।
खेल-खेल में पाठ पढ़ाती।।
उन दीदी से हमें मिला दो।
अम्मा चलकर नाम लिखा दो।।

बबलू, पिंकी तुम सब आओ।
पढ़-लिखकर अच्छे बन जाओ।।
घर-घर शिक्षा अलख जगा दो।
अम्मा सबका नाम लिखा दो।


हमें पाठशाला भिजवा दो।।
अम्मा अब तो नाम लिखा दो।।

रचयिता
अपूर्वा अवस्थी 'उन्मुक्त',
सहायक शिक्षिका,
प्राथमिक विद्यालय भम्मापुरवा,
विकास खण्ड-हरियावां
जनपद-हरदोई।

Comments

Total Pageviews