चलो मतदान करो तुम

लोकतंत्र का आया है त्यौहार।
सुन लो भैया सुन लो बहना सुन लो सारे यार।
चलो मतदान करो तुम

संविधान ने आपको दिया है ये अधिकार।
अपने मन से चुन सकते हैं 5 साल की सरकार।
चलो मतदान करो तुम।

लोकतंत्र के तुम रक्षक हो तुम ही हो इसके आधार।
 योग्य व्यक्ति को चुनकर कर सकते हो देश का उद्धार।
 चलो मतदान करो तुम।

वोट देने से पहले यदि पकड़ोगे नोट की गड्डी।
 5 साल तक ये गड्डी बनेगी आपके गले की हड्डी।
लोभ और लालच छोड़ के चलो मतदान करो तुम।
 नेताजी आएँगे चाँद तारों का स्वप्न दिखाएँगे।
जो करें इन सपनों को साकार बनाएँ उसी की सरकार।
 चलो मतदान करो तुम।

 गरीबी, अशिक्षा, स्वास्थ्य और बाढ़ की समस्या।
दूर करें जो सरकार।
 वोट देना उसे अबकी बार।
चलो मतदान करो तुम।

जिसे जिताओ खूब जिताओ जो बना ले स्थिर सरकार।
नहीं तो निर्णय ना ले पाएगी लंगड़ी सरकार।
चलो मतदान करो तुम।

रचयिता
ब्रजेश कुमार द्विवेदी,
प्रधानध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय हृदयनगर,
जनपद-बलरामपुर।

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