अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक,40,अनामिका वर्मा,चित्रकूट

*👩🏻‍🏫अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक*

*मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफलता की कहानी*

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2310119015932349&id=1598220847122173

*👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तिकरण- 40*
(दिनाँक- 12अप्रैल 2019)
नाम-अनामिका वर्मा
पद-सहायक अध्यापक
विद्यालय-पूर्व माध्यमिक विद्यालय अतरौली
ब्लॉक मानिकपुर ,जनपद  चित्रकूट
प्रथम नियुक्ति-07/09/2009
*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*
👉
आज मिशन शिक्षण संवाद, के महिला सशक्तीकरण के विशेषांक के कारण मुझे अपने वर्तमान विद्यालय में आने के अब तक के सफर को आप के साथ साझा करने का अवसर प्रदान हुआ।
👉2006 में मैने बी.एड.किया। 2007 में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मानिकपुर में पार्ट टाइम  शिक्षिका के पद पर कार्यारत रही।2008 में एम.एड.की डिग्री प्राप्त की 2009 में विशिष्ट बी.टी. सी.द्वारा इं प्रा.अ.के पद कर प्राथमिक विद्यालय खजुरिहा कला में नियुक्त हुई।
👉पू.मा.विद्यालय अतरौली में मैं  14/05/2015 में कार्यरत हुई।👉माह दिसम्बर 2012 में यहाँ नियुक्त प्रधानाध्यापक की गाँव के एक व्यक्ति द्वारा निर्मम हत्या कर दी गई थी,विद्यालय बंद होने की कगार पर था तभी उसी गांव के शिक्षक जो कही अन्यत्र नियुक्त थे उनको इस विद्यालय में नियुक्त किया गया और विद्यालय संचालित होने लगा  विद्यालय में नामांकन ज्यादा होने के बावजूद उपस्थिति न के बराबर रहती थी कुछ बच्चों ने निजी स्कूलों में नाम लिखवा लिया और कुछ बच्चो ने विद्यालय में जाना ही बंद कर दिए।
   👉मई में जब मैं इस विद्यालय में आयी तब परीक्षा हो चुकी थी विद्यालय में एक दो बच्चे थे ।ऐसे
विद्यालय में आकर जैसे मुझे बहुत पछतावा सा महसूस  हो रहा था कि  ये कैसे गाँव के विद्यालय में मैं आ गई जहाँ एक गुरू की विद्यालय प्रांगण में बच्चों के सामने निर्मम हत्या कर दी गई थी, उस विद्यालय में मैं पहली महिला अध्यापिका थी। विद्यालय प्रांगण सूना उजड़ा टूटे जर्जर स्थिति में था विद्यालय में न चाहरदीवारी थी न गेट था न रास्ता टीचर व छात्र खेत की मेड़ से आते जाते थे ,बरामदे में शराब की बोतल व ताश के पत्ते आदि पड़े हुए थे।
वहाँ उपस्थित बच्चों का जवाब था कि गांव के ज्यादातर बड़े छोटे लोग इन सब व्यसनो में लिप्त है।विद्यालय एक मजरे में बना है वही के बच्चे नामांकित थे।  अब मन में एक सवाल कौंध रहा था कि शुरुआत कहा से करूँ।विद्यालय में छात्राओ की नामांकन संख्या ज्यादा थी,लेकिन आती कम थी। चार पांच लड़कियां मुझे देखकर आने लगी।कुछ दिनों बाद ग्रीष्मकालीन अवकाश हो गए ।👉जुलाई से नए जोश उमंग और आशा के साथ स्कूल सत्र प्रारंभ हुआ बरसात होने के कारण जलमग्न  खेत के रास्ते विद्यालय पहुँचे स्कूल में सांप बिच्छू निकले खुली कक्षाओं में जानवरो का तबेला बना हुआ था,चारो तरफ गन्दगी घासफूस से मैदान भरा हुआ था।विद्यालय में एक और सहायक अध्यापक श्री रामसिंह जी भी नियुक्त हुए जिन्होंने विद्यालय में पूर्ण सहयोग किया,अब स्टॉफ का उद्देश्य था कि पहले घर घर जाकर बच्चों को विद्यालय लाया जाये जो घटना का भय व भूतप्रेत का भय बच्चों में भरा है उसको निकला जाए।
    जहाँ निजी विद्यालय में बच्चे नामांकित थे  ऐसे में विद्यालय में छात्र संख्या बनाये रखना एक चुनौती भरा काम था। स्कूल चलो अभियान रैली निकाली प्रधान जी व एस एम सी अध्यक्ष का सहयोग लिया गया, गाँव वालों को समझाया बच्चो की उपस्थिति में थोड़ा सुधार होने लगा।अगस्त 2015 में  इं प्रधनाध्यापक का अन्यत्र प्रमोशन हो गया जिससे मुझे इं प्रधानाध्यापिका का चार्ज मिला।    
मैंने सर्वप्रथम विद्यालय के गेट खिड़कियों की मरम्मत रंगाई पुताई व जरूरत की वस्तुओं की व्यवस्था स्वयं के खर्चे से किया।
  👉 सर्दियों में गर्म कपड़ों की कमी से बच्चों की उपस्थिति कम होने लगती थी इसलिये दिसम्बर 2016 में बच्चों को स्वेटर मोजे टोपे वितरित किये गए जो चित्रकूट जिले में पहली बार मेरे विद्यालय में 42 बच्चों को मेरे व स्टॉफ के सहयोग द्वारा वितरित किये गए,जिससे बच्चों में विद्यालय की ओर रुझान बढ़ गया।
👉2017 में विद्यालय में प्रधानाध्यापक श्री सोमनाथ यादव जी नियुक्त हुए जिन्होंने विद्यालय परिवार को  पूर्ण सहयोग प्रदान किया अब स्टॉफ पूरा होने से विद्यालय पहले से और बेहतर हुआ।विद्यालय में फूलों की क्यारियां, पेड़ पौधे लगाये, विद्यालय भवन में सुंदर पैंटिंग व बच्चों के लिए उपयोगी लेख, व जानकारियां लिखवायी।जिससे भौतिक वातावरण सुंदर लगने लगा।
👉हमारे विद्यालय में एक ही मजरे के निर्धन व वंचित वर्ग के ही बच्चे प्रवेश लेते, जिन्हें पढ़ाने से पहले पढ़ने को तैयार करना होता है ,तो विद्यालय में बच्चों को मुफ्त कॉपी ,पेन ,पेंसिल वितरित करते रहते है,जिससे किसी वस्तु के आभाव में बच्चे विद्यालय आने से न रुके । अधिक उपस्थिति पुरुस्कार,स्वच्छता पुरस्कार,कक्षा में स्थान पुरस्कार,गर्मियों में समर कैम्प लगा कर गाँव की अन्य बालिका भी कढ़ाई बुनाई मेहंदी किरोसिया,फैब्रिक पेंटिंग,पोस्टर पेंटिंग,स्टोन डेकोरेशन,पुरानी बेकार वस्तुओं से नई सजावट की वस्तु का निर्माण,कैरी बैग्स से सुंदर फूल बनाना ,ढोलक बजाना गीत संगीत, आदि गतिविधि आधरित शिक्षण,सृजनात्मक व व्यवहारिक ज्ञान से जोड़ते हुए,
खेल खेल में शिक्षण कार्य करना।मीना मंच का गठन, बर्थडे मनाना,आओ अंग्रेजी सीखे रेडियो प्रोग्राम सुनवाना , बालसभा कराया। तो बच्चों में रुचि जागृत हुई तो वे बच्चे अच्छा परिणाम देने लगे।।                   
👉विद्यालय में अच्छी       प्रार्थनासभा ,चेतना गीत, प्रेरक प्रसंग .सामान्यज्ञान,खेल संगीत, योगा,बच्चों की मदद से TLM निर्माण,विभिन्न दिवसों, राष्ट्रीय कार्यक्रमो, में अभिभावकों का सहयोग ,एस.एम.सी.का गठन,बाल संसद का गठन आदि पर विशेष ध्यान दिया।
👉 प्रत्येक प्रतियोगिता हेतु बच्चों को तैयारी करवाते।जिससे बच्चे भी ध्यान देने लगे। शिक्षको के मोबाइल पर शिक्षण संबंधी जानकारी देना,सामान्य ज्ञान की जानकारी आदि का बोध करना फलस्वरुप संकुल, ब्लॉक, जनपद तक कि प्रतियोगिताओं में बच्चों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
  👉इस प्रकार से स्थानीय समुदाय में विद्यालय की छवि अच्छी है,और अब गिरती छात्र संख्या पर लगाम लगी है। जहाँ 2015 में नामांकन 55 था लेकिन उपस्थिति 10 ,15 की रहती थी  2019  में नामांकन 62 बच्चे थे उपस्थिति 60 तक पहुँची है,आज हमारे विद्यालय में निजी विद्यालय से नाम कटाकर आये करीब 15 बच्चे है ,और बच्चे पूरे गणवेश में आते है,साफ स्वच्छ व्यवस्थित रूप में लगातार उपस्थित रहते है।
👉हमारे विद्यालय की कुछ बालिका जिनका नामांकन इंटर कालेज में हो गया वो स्कूल के स्टॉफ से बहुत लगाव रखती है और जब भी आती है तब यही कहती है अगर स्कूल में आप जैसे शिक्षक न आते तो शायद हम लोग आज 8 पास करके घर मे बैठे होते।कॉलेज तक नही पहुँच पाते।
👉बच्चे नई नई गतिविधियो द्वारा सीखते है और मेरी उपस्थिति में बच्चे सहज महसूस करते है,और मुझे अच्छे से अच्छा करके दिखाने की होड़ में रहते है जो बच्चा एक सप्ताह तक बढ़िया कार्य करता है वो स्टार ऑफ़ द वीक बनाया जाता है। पॉवर एन्जिल और कार्यकारणी सदस्य विद्यालय व्यवस्था में पूर्ण सहयोग करते है।
👉विद्यालय में बचत पेटिका. शिकायत पेटिका,व प्राथमिक चिकित्सा पेटी,आदि का प्रयोग बच्चे बखूबी करते है।

  👉अगर हर इंसान अपने कार्य को ईमानदारी से पूजा समझकर करे तो कोई भी सपना जो हम देखते हैं वो जरूर सच होता हैं।
मुझे अपने हर छात्र में कोई कोई गुण दिखता है, भले ही पढ़ाई में वो बहुत अच्छा न कर सके, पर एक अच्छा व सच्चा इंसान वो जरूर बनेगा।
👉 प्रत्येक बच्चे के लिए उसका शिक्षक एक आदर्श होता है,
इसलिए मेरी पूरी कोशिश रहती है कि मैं बच्चों के लिए एक आदर्श शिक्षिका बनूँ।🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
*प्रेरक सन्देश* कर्म करते रहे फल की इच्छा न करे।

_✏संकलन_
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद*

Comments

Total Pageviews