शिक्षा जागृति

करि विचार अद्यतन सुखद,
      मिलकर कीजै यत्न।
शिक्षा विद्या भूषण परम,
       मूल्यवान सम रत्न।।(१)
ज्योतित जीवन मग रहे,
     मिटें विविध तम जाल।
पढ़ लिखकर ज्ञानी बनें,
      घर-घर के सब लाल।।(२)
बालक कन्या नहिं भेद हो,
      सबहीं एक समान।
शिक्षित होवैं सन्तति सभी,
     करने ज्ञान विहान।।(३)
प्रतिभा छिपी अनंत है,
     बालक मन के तीर।
शिक्षा जोती अनुपम जले,
     चमकत जैसे हीर।।(४)
नव चेतन बन तम हरो,
     मानस उतरे आज।
ज्ञान बिना बेकार सब,
      विकसे नहीं समाज।।(५)
बाल लाल गृह जननि के,
      प्रिय हिय पालक सदा।
जतन अतुल भावी करो,
      शिक्षा धारा सर्वदा।।(६)
शिक्षा हित सब चिन्तन करो,
    उदित भानु वह होय।
मिटे तमिस व्यापक यहाँ,
    उजला जीवन होय।।(७)

रचयिता
सतीश चन्द्र "कौशिक"
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला, 
जनपद -सीतापुर।

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