वर्णमाला का ज्ञान

अ से होता लाल अनार
उसमें होते दाने हज़ार
दाने जो तुम खाओगे
लाल-लाल हो जाओगे।।
     बड़े आ से आम है आता
     फलों का ये राजा कहलाता
       पीला-पीला रंग है इसका
       स्वाद बहुत है मीठा इसका।।
       छोटी इ से इमली होती
         खूब खट्टी-खट्टी होती।
        ज्यादा खाओगे जो इमली
        घर जाकर न खा पाओगे रोटी।।
         ई से होती ईख निराली
         लंबे-लंबे पत्तों वाली
         मीठा-मीठा रस है होता
         तंदुरुस्त सबको कर देता।।
          छोटे उ से उल्लू होता
          दिन में कहीं है छुपकर सोता
रात को घर से बाहर आये
 आँख दिखाकर हमें डराए
 बड़े ऊ से ऊन का गोला
       जल्दी लपेटो बना दो गोला
       सर्दी जब भी तुम्हें सताये
      ऊन फटाफट दूर भगाये
     ऋ से होते ऋषि महान
       करते तप और धरते ध्यान
        बच्चों इनका आदर करना
       परेशान न तुम इनको करना।
       ए से होती बच्चों ऐड़ी
          पैर के पीछे होती एड़ी
          एड़ी का है बड़ा ही काम
           बोझ सहे सब दे आराम
ए से दादा जी की ऐनक
लाखों में है एक वो ऐनक
ऐनक लगाकर पढ़ते अखबार
 तोड़ न देना देखो इस बार।।
       ओ से होती माँ की ओखल
        उठाने में लगता है बल
        बच्चों ध्यान से इसे उठाना
        पैर में अपने न चोट लगाना।
       औ से होती औरत महान
          है वो अपने देश की शान
          बड़े-बड़े वो काम है करती
          कभी किसी से न वो डरती
          अं से होते हैं अंगूर
           खट्टे-मीठे रसीले अंगूर
           फल खाने से ताक़त मिलती
           आओ लिखें हम सारे गिनती
           अ: है बस एक मात्रा
          वर्ण में लगकर अर्थ बनाता
         अ से आ तक हमने सीखा
         कल देंगे हम अपनी परीक्षा
         क्या-क्या याद रहा बतलाओ
           बच्चों आओ पाठ दोहराओ
          वर्णमाला का कर लो ज्ञान
         अब न रहो तुम और अज्ञान

रचयिता
डॉक्टर नीतू शुक्ला,
प्रधान शिक्षक,
मॉडल प्राइमरी स्कूल बेथर 1,
विकास खण्ड-सिकन्दर कर्ण,
जनपद-उन्नाव।

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