जातिवाद का जहर

जातिवाद को जड़ से उखाड़ो,
सब कोई मानववादी हों।
जातिवाद यदि न त्यागोगे,
तो तुम दुर्व्यवहारी हो।

जातिवाद का जहर न घोलो,
सभी कर्मठ सुविचारी हों।
बीज न पनपे जातिवाद का,
सब कोई समतावादी हो।

भाई-भतीजा नहीं चलेगा,
ना ही अब मनमानी हो।
युवा न भटकें पथ से अपने,
इनसे न बेईमानी हो।

धर्म-जाति में अब ना बाँटो,
ना नफरत की चिंगारी हो।
जातिवाद है बहुत विनाशक,
खत्म करो इस बीमारी को।

ऊँच-नीच का भेद खत्म हो,
सभी कुशल व्यवहारी हों।
कहे अशोक सब बराबरी को,
पाने के अधिकारी हो।

रचयिता
अशोक कुमार,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय रामपुर कल्याणगढ़
विकास खण्ड-मानिकपुर,
जनपद-चित्रकूट।

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