जीवन की पथ प्रदर्शक हैं पुस्तकें

जीवन की पथ प्रदर्शक हैं पुस्तकें,
ज्ञान का भंडार बढ़ाती हैं पुस्तकें।
जग में सम्मान दिलाती हैं पुस्तकें,
गुरु गोविंद का मान कराती हैं पुस्तकें।
बचपन में बारहखड़ी, वर्णमाला सिखाती पुस्तकें,
सृजनता, कल्पनाओं का द्वार दिखाती पुस्तकें।
इंटरनेट के युग मे भी तृप्ति दिलाती पुस्तकें,
अनसुलझे प्रश्नों का निदान सुझाती पुस्तकें।
समस्याओं का समाधान कहलाती पुस्तकें,
संतों की वाणी का बोध कराती पुस्तकें।
जिंदगी की सबसे अच्छी दोस्त पुस्तकें,
जीवन को मंजिल तक पहुँचाती पुस्तकें।

रचयिता
रामकिशोर प्रजापति,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय विरहटा, 
विकास खण्ड-चिरगाँव, 
जनपद -झाँसी (उ.प्र.) 
   9453662488

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