आओ बच्चों चलें स्कूल

आओ बच्चों चलें स्कूल
तुम नन्हें-नन्हें प्यारे फूल
आओ बच्चों चलें स्कूल
स्कूल में मिल सब खेलेंगे
छुक-छुक रेल के रेले में
चटखारे हम ले लेंगे
कैथा इमली हो थैले में
सीखेंगे हम ज्ञान यहाँ पे
तकनीकी विज्ञान यहाँ पे
A, B, C,  D आना है
अ, आ,  इ,  ई  गाना है
1, 2, 3 सुनाना है
जोड़ना और घटाना है
हमको पढ़ लिख जाना है
एक अच्छा राष्ट्र बनाना है 
क्यों उदास बैठे हो घर में
आओ हो लो साथ डगर में

आओ बच्चों चलें स्कूल
तुम नन्हें-नन्हें प्यारे फूल
आओ बच्चों चलें स्कूल
संस्कृति और संस्कार है जाना
योगा और अभ्यास सिखाना 
देखो भैय्या भूल ना जाना
सरकारी स्कूल में आना
सबको है अब नाम लिखाना
सबको है शिक्षित हो जाना
तुम सब भारत के वासी हो
यह स्कूल तुम्हारे हैं
हम सब सेवक भारत माँ के
यह बच्चे हमको प्यारे हैं
मत पैसा बर्बाद करो तुम
इन पूंजीपतियों के बंधे में
मत झोंको भविष्य बच्चों का
शिक्षा के गोरख धंधे में

आओ बच्चों चलें स्कूल
तुम नन्हें-नन्हें प्यारे फूल
आओ बच्चों चलें स्कूल
तुम चंदा जैसे चमकोगे
सूरज सा तुम दमकोगे 
रामू, श्यामू, मोहन प्यारे
आओ हो लो साथ हमारे
गीता, रीता, छोटी, रानी
तुम भी बन जाओ अब ज्ञानी
मुफ्त में शिक्षा, मुफ्त में ज्ञान
हर अभिभावक का सम्मान
प्रोजेक्टर से होए पढ़ाई
मिले पुष्ट भोजन भी भाई
दूध, फल और MDM खाओ
पहले अपनी सेहत बनाओ
स्वस्थ शरीर में स्वस्थ है मन
खुश है देखो सब जन-जन

ड्रेस मिलेगी यहाँ फ्री
स्वेटर, जूता मोजा भी
बस्ता भी हम देंगे तुमको
किताबें भी मुफ्त मिलीं
खेलने का सामान बहुत है
गुरूजी भी तो बड़े मस्त हैं
खेल-खेल में सिखलाते हैं
क्रियाएं  खूब कराते हैं
स्कूल तुम्हारे बहुत हैं सुन्दर
भाग के आओ इसके अंदर
नया सत्र हम शुरू करें
शिक्षा का संकल्प है लें
आओ बच्चों चलें स्कूल
तुम नन्हें-नन्हें प्यारे फूल
आओ बच्चों चलें स्कूल

रचयिता
जैतून जिया,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय गाजू,
विकास खण्ड-कछौना,
जनपद-हरदोई।

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