अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक,28, दीपा आर्य,उत्तराखंड

*👩🏻‍🏫अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक*

*मिशन शिक्षण संवाद परिवार उत्तराखंड की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी*

https://www.facebook.com/1598220847122173/posts/2303326456611605/

*👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तिकरण- 28*
(दिनाँक- 03 अप्रैल 2019)
दीपा आर्य, प्राधानाध्यापिका
राजकीय प्राथमिक विद्यालय लमगड़ा जनपद  अलमोड़ा उत्तराखण्ड
प्रथम नियुक्ति-25-9-1997
*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*
👉
आज मिशन शिक्षण संवाद, के महिला सशक्तिकरण के विशेषांक के कारण मुझे पीछे मुड़ कर देखने का अवसर मिला।
    मेरा संघर्ष बचपन में जब 09 वर्ष की थी, तभी से शुरू हुआ, कक्षा-4 तक कि पढ़ाई , जालन्धर, पंजाब में अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय में हुई, पिताजी का स्वास्थ्य ठीक न रहने के कारण, गांव आ गए। फिर आगे की पढ़ाई गांव से ही हुई। मेरे मम्मी-पापा ने कई परेशानियों  में संघर्ष के बाद भी हम चारों भाई-बहनों को पढ़ाया है, और सभी भाई बहिन सरकारी सेवा में हैं।
    अपने माता पिता  से  ही मैंने कठिन परिस्थियों में भी हिम्मत करना मेहनत करने का पाठ सीखा है।
इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मैंने BTC की परीक्षा पास की, और 1997 में मेरी नियुक्ति, रा0 प्रा0 विद्यालय तडकोट, धौलादेवी, अल्मोड़ा में हुई।नौकरी के साथ साथ मैने अपनी पढ़ाई भी पूरी की।
उसी परिवेश व संस्कृति से होने के कारण मैं अपने छात्रों को बहुत अच्छे से समझ जाती। और हर उस संकोची, शर्मीली छात्रा में मैं स्वयं का बचपन देखती।एक शिक्षिका होने के नाते हर प्रकार से उनकी मदद करती, शायद जो मेरी नही हुई,  मैं हमेशा अपने बचपन को याद करती की मुझे क्या परेशानी थी, अपने छात्रों को समझती हूं। जिसके कारण बच्चे मुझे बहुत प्यार करते, और मुझे खुश देखने के लिए वो बहुत मेहनत करते हैं।
  वर्ष 2006 में मेरा स्थानांतरण रा0 प्रा0 विद्यालय लमगड़ा में हुआ। जहाँ दोनो तरफ एक-एक किलोमीटर में रा0 प्रा0 वि0 व दो निजी विद्यालय भी संचालित हैं,और विद्यालय में छात्र संख्या बनाये रखना एक चुनौती भरा काम था।       
💫मैंने सर्वप्रथम विद्यालय में आकर्षक गणवेश, सभी बच्चों (बालक -बालिका)के पैंट-कमीज, टाई बेल्ट आदि व सदनवार गणवेश की व्यवस्था, कुछ अभिभावकों की मदद,भारतीय स्टेट बैंक लमगड़ा, की मदद व स्वयं द्वारा व्यवस्था की।उन दिनों गणवेश बच्चे ही बनाते थे।तो एकरूपता नही हो पाती थी।
💫उसी बीच 2010 की अतिवृष्टि से हुई आपदा विद्यालय का रसोईघर, चहार दीवारी ध्वस्त हो गई। औऱ विद्यालय बहुत बुरा लगने लगा।फिर प्रयास कर ब्लॉक से व स्वयं द्वारा विद्यालय अनुदान के सदुपयोग से चहारदीवारी व गेट बनवाया। फूलों की क्यारियां, विद्यालय भवन में सुंदर पैंटिंग व बच्चों के लिए उपयोगी लेख, व जानकारियां लिखवाई।जिससे भौतिक वातावरण सुंदर लगने लगा।
💫हमारे विद्यालय में अत्यधिक निर्धन व अपवंचित वर्ग के ही बच्चे प्रवेश लेते, जिन्हें पढ़ाने से पहले पढ़ने को तैयार करना होता।तो हमने विद्यालय में बच्चों को गतिविधि आधरित शिक्षण, व व्यवहारिक ज्ञान से जोड़ते
हुए, खेल खेल में शिक्षण कराया।  तो बच्चों में रुचि जागृत हुई तो वे बच्चे अच्छा रिजल्ट देने लगे।।                   
💫विद्यालय में अच्छी       प्रार्थनासभा,सामान्यज्ञान,पुस्तकालय, खेल सामग्री, बच्चों की मदद से TLM निर्माण,विभिन्न दिवसों, राष्ट्रीय कार्यक्रमो, में अभिभावकों का सहयोग आदि पर विशेष ध्यान दिया।
💫  प्रत्येक प्रतियोगिता हेतु बच्चों की तैयारी कराती, जिससे बच्चे भी ध्यान देने लगे। फलस्वरुप संकुल, ब्लॉक, जनपद से राज्य स्तर तक कि प्रतियोगिताओं में बच्चों द्वारा प्रतिभाग किया गया।जवाहर नवोदय विद्यालय में भी एक बालिका का चयन हुआ।
  💫इस प्रकार से स्थानीय समुदाय में विद्यालय की छवि अच्छी है,और अब गिरती छात्र संख्या पर लगाम लगी है।
  एक शिक्षिका होने के नाते मुझे लगता है की मैं जैसे समाज की कल्पना करती हूं, वैसा समाज निर्माण का कार्य सौंभाग्य  से मुझे मिला है।तो प्रत्येक बच्चे को शिक्षा, जानकारी के साथ, एक अच्छा इंसान भी बनाऊं,जिससे बहुत अच्छे समाज का निर्माण हो सके।
  अगर हर इंसान अपने कार्य को ईमानदारी से पूजा समझकर करे तो कोई भी सपना जो हम देखते हैं वो जरूर सच होगा।
मेरे शिक्षण कार्यो को समय समय पर विभागीय अधिकारियों द्वारा भी प्रोत्साहन दिया गया। इन्ही कार्यों के देखते हुए 5 सितम्बर 2018 को मुझे महामहीम राज्यपाल महोदया द्वारा गवर्नर्स अवार्ड, द्वारा सम्मानित किया गया।
मुझे अपने हर छात्र में कोई कोई गुण दिखता है, भले ही पढ़ाई में वो बहुत अच्छा न कर सके, पर एक अच्छा व सच्चा इंसान वो जरूर बनेगा।
प्रत्येक बच्चे के लिए उसका शिक्षक एक आदर्श होता है,
इसलिए मेरी पूरी कोशिश रहती है कि मैं बच्चों के लिए एक आदर्श शिक्षिका बनूँ।🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
*प्रेरक सन्देश* कठिन परिस्थितियों मे शान्त मन से एकाग्रतापूर्वक की गयी मेहनत लक्ष्य साधने मे कारगर होती है।

_✏संकलन_
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद उत्तराखंड*

Comments

Total Pageviews