मर्यादा में हैं राम

राम तो सर्वज्ञ हैं

रोम-रोम राम हैं

राम में ही धर्म

राम से ही धर्म

जीवन की हर सरगम में राम

जीवन के हर संघर्ष में राम

जीवन के हर आदर्श में राम

जीवन के हर मर्यादा में राम

जीवन के हर त्याग में राम

जीवन की हर जीत में राम

जीवन की हर रीत में राम।

जीवन के हर वचन में राम।

जीवन की हर संस्कृति में राम।

जीवन के हर स्पंदन में राम

जीवन के हर बलिदान में राम।

शबरी के जूठे बेर में राम

अहिल्या के हर स्पर्श में राम।

सत्य की हर जीत में हैं राम।


रचयिता

मंजरी सिंह,

प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उमरी गनेशपुर,
विकास खण्ड-रामपुर मथुरा,
जनपद-सीतापुर।



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