नवरात्रि मंगलमय हो
नवरात्रि मंगलमय हो,
हर घर में चहल पहल हो।
मातृ शक्ति का पूजन हो,
नमन, वन्दन अभिनन्दन हो।।
हरियाली और खुशहाली आये,
सुख, समृद्धि, रसकस बरसाये।
शंखनाद हो, घण्टा ध्वनि बाजे,
चहुँओर मंगलमय धुन साजे।।
हरियाली जमे, नित हो कन्या पूजन,
बुराइयाें का अन्त हो, नित हो नव सृजन।
मन्त्रों का गुँजन हो, हर घर में हो हवन,
वातावरण शुद्ध हो, स्वच्छ सुन्दर हो हर सदन।।
माँ के रूप निराले हैं,
माँ नवरंगों में सजती हैं।
दुष्टों का तुम संहार करती हो,
रण चण्डी तुम बन जाती हो।।
भक्तों का माँ पालन करती हैं,
बल, बुद्धि, यश, जय देती हैं।
राग, द्वेष, दोष हरती हैं,
छत्रछाया माँ भक्तों पर रखती हैं।।
हाथ जोड़ विनती माँ तुमसे माँ,
सबके कष्ट-दुखों को हर दे माँ।
जरा, व्याधि, दरिद्रता दूर करो माँ,
सकल मंगल ही मंगल कर दो माँ।।
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