करवा चौथ

कृष्ण पक्ष की चौथ को,

 करवाचौथ विधान।

 कार्तिक मास महान है,

 सुहागिनें लो जान।।


 निर्जल रहकर शाम तक,

 करें सभी उपवास 

 पति की लंबी आयु की,

 पूरी होगी आस।। 


 महिलाएँ तैयार अब,

 कर सोलह सिंगार।

 करवा लेकर हाथ में,

 छत पर करे विहार।।


 आजा प्यारे चाँद अब,

 दर्शन कर लूँ आज।

 पूर्ण करूँ उपवास मैं,

 करूँ भाग्य पर नाज।।


 करती तन मन कर्म से,

 तेरा वंदन आज।

 दीर्घ उमर की दे दुआ, 

 होवे पूरन काज।।


 सातों फेरों से मिला,

 जन्म-जन्म का साथ।

 सुख-दुख में भी अब सदा,

 रहे हाथ में हाथ।।


 दीप धूप में नैवेद्य की,

 सजी हुई है थाल।

 करवा से अर्चन करूँ, 

पुष्प चढ़ाऊँ माल।।


 चाह नहीं धन की मुझे,

 एक करो उपकार।

 लंबी पति की आयु हो,

 रहे बड़ा आभार।।


रचयिता

गीता देवी,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय मल्हौसी,

विकास खण्ड- बिधूना, 

जनपद- औरैया।



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