सिस्टर निवेदिता
स्वामी विवेकानंद की थीं शिष्या,
लेखक, शिक्षक, मृदु स्वभाव था इनका।
थीं अंग्रेज आयरिश सामाजिक कार्यकर्ता,
भारत की कट्टर समर्थक थीं निवेदिता।।
मूल नाम था मार्गरेट एलिजाबेथ नोबुल,
पिता सैमुअल रिचर्ड, माँ थी मेरी इसाबेल।
28 अक्टूबर 1867 जग से परिचय हुआ,
अद्वैत वेदांत दर्शन की अनुचरी थीं नोबुल।।
आयरलैंड में अधिकतर समय बिताया,
भारत से आकर्षण सदा था पाया।
लंदन में स्वामी विवेकानंद से मिलीं,
निवेदिता नाम विवेकानंद से ही पाया।।
बालिकाओं की शिक्षा को कदम बढ़ाया,
रामकृष्ण मिशन से संबंध गहराया।
सक्रिय योगदान सदा से रहा है,
स्वामी जी के सिद्धांतों ने प्रभावित किया।।
भारत आकर जीवन को आयाम मिला,
ब्रह्मचर्य व्रत का निर्णय ले लिया।
शारदा देवी से घनिष्ठ था संबंध,
कई पुस्तकों में लेखन था दिखाया।।
13 अक्टूबर 1911 दार्जिलिंग में हुआ देहावसान,
विवेकानंद की शिष्या के जीवन में लगा विराम।
सब कुछ उन्होंने अपना भारत को दे दिया,
बालिका शिक्षा को दिया उन्होंने एक आयाम।।
Comments
Post a Comment