अंतराष्ट्रीय शिक्षक दिवस
शिक्षक हूँ मैं
पहुँचाऊँगा हर छात्र को
मंज़िल तक उसकी
मैं रहूँगा वहीं खड़ा
शिक्षक हूँ.........
ताप में शिक्षा के
पकाकर मजबूत करूँगा उसे
मुझे तो मिलेगा वो ऐसे
जैसे कच्ची मिट्टी का घडा़
शिक्षक हूँ..............
विकास मस्तिष्क का तो
होगा शिक्षा से ही
नहीं संभव ये मेरे बिना
कद तो हो जाएगा यूँ ही बड़ा
शिक्षक हूँ.................
जलता हूँ मैं दिये की भाँति
करने को रोशन
दूसरों के अंधेरे घर
ये है मेरा उसूल कड़ा।
शिक्षक हूँ...........
साथ देता हूँ सच का सदा
खिलाफ हूँ झूठ और अपराध के
समाज में फ़ैली हर बुराई से
सीना तान के मैं लड़ा
शिक्षक हूँ.............
रचयिता
भावना तोमर,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय नं०-1 मवीकलां,
विकास खण्ड-खेकड़ा,
जनपद-बागपत।
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