प्यारे बापू
हाथ में लाठी बदन पर धोती
दुबली पतली उनकी काया।
हिंसा के थे वे सख्त विरोधी
सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाया।।
पोरबंदर में था जन्म लिया
कस्तूरबा से विवाह रचाया।
माता पुतली बाई थीं उनकी
करमचंद गांधी को तात रूप में पाया।।
हरिजनों के थे वह परम हितैषी
उनके उद्धार का बीड़ा उठाया।
विदेशी वस्तुओं को त्याग कर
स्वदेशी अपनाओ का नारा लगाया।।
भारत छोड़ो आंदोलन चलाकर
भारत से गोरों को खदेड़ भगाया।
15 अगस्त सन 1947 को था
देश को अपने आजाद कराया।।
रचयिता
रीनू पाल रूह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय दिलावलपुर,
विकास खण्ड - देवमई,
जनपद-फतेहपुर।
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