छुट्टी

स्कूल की छुट्टी, बच्चे खुश, 

ऑफिस की छुट्टी से कर्मचारी। 

फैक्ट्री का हूटर बजा, 

मजदूर की छुट्टी, मजदूर खुश।। 


बहू आई, घर सँभाला, 

किचन से छुट्टी, सास खुश।  

बेटे ने व्यवसाय सँभाला, 

व्यवसाय से छुट्टी, पिता खुश।।


सन्यासी ने सन्यास लिया, 

गृहस्थी से छुट्टी, सन्यासी खुश।

सेवानिवृत्ति का समय आया, 

काम से छुट्टी, कर्मचारी खुश।। 


रविवार की छुट्टी,

आराम की बारी।

कुछ अपने लिए,

कुछ अपनी तैयारी।।


छुट्टी  बंधनों से मुक्ति,

कर दे मनोभावों की तृप्ति।  

अपने लिए समय का एहसास। 

इसमें ही है खुशी का वास।।


छुट्टी मानवीय मन का सुकून,

कर दे जो खुशियों को दून।।

जिसने भी इसका स्वाद चखा,

उसके जीवन में.......बचा।।

 

रचयिता

अंजू गुप्ता,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय खम्हौरा प्रथम,
विकास क्षेत्र-महुआ, 
जनपद-बाँदा।



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