विश्व शिक्षक दिवस

जीवन के हर अंधेरे में रोशनी है शिक्षक,

बंद दरवाजों में नया रास्ता दिखाएँ शिक्षक।

किताबी ज्ञान नहीं जीवन जीना सिखाएँ शिक्षक,

जीवन के प्रत्येक पल जो सिखाए वही शिक्षक।।


5 अक्टूबर को है अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस,

"बढ़ते संकट के बीच भविष्य की नई कल्पना" थीम है दिवस।

1966 को पेरिस में हुआ था एक सम्मेलन,

शिक्षकों के अधिकार, जिम्मेदारी का है दिवस।।


पढ़ाई के पेशे को प्रोत्साहित करने का दिवस,

पृथक- पृथक देशों में पृथक- पृथक होता दिवस।

"टीचर इन फ्रीडम" संधि पर हुए हस्ताक्षर,

अध्यापन के व्यवसाय को सम्मान दिलाने का दिवस।।


उपलब्धियों को जानने, बूझने का रखा लक्ष्य,

पहचानने को समस्या रखा 2030 का लक्ष्य।

विश्व शिक्षक दिवस मनाने को चलता है अभियान,

शिक्षकों की बेहतर समझ व भूमिका तय करने का लक्ष्य।।


"गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए एकजुट हो" है नारा,

शिक्षक का हो प्रतिपल सम्मान उद्देश्य हमारा।

इस वर्ष होगा 27वाँ विश्व शिक्षक दिवस,

स्मरणीय हो दिन ताकि समझे इसे जग सारा।।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।


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