आज़ाद चला

दे मूँछों पर ताव चला,

  दुश्मन को बताने भाव चला,

     करने भारत आजाद चला,

        देखो-देखो आजाद चला।


मदमस्त सिंह की चाल चला,

   ले हाथों में तलवार चला।

       फिरंगियों पर करने वार चला,

            देखो देखो आजाद चला।


कफ़न केसरिया बाँध चला,

  हाथों में लेकर जान चला।

      रखने माँ की लाज चला,

         देखो-देखो आजाद चला।


रण में भरने हुंकार चला,

    ले आँखों में अभिमान चला।

       शत्रु को बताने औकात चला,

          देखो-देखो आजाद चला।


 भारत माँ का एक लाल चला,

     बनकर तूफ़ां विकराल चला।

        शत्रु का करने संहार चला,

            देखो-देखो आजाद चला।     


सब अपना पराया भूल चला,

   अंग्रेजों को चटाने धूल चला।

       आजादी का खिलाने फूल चला

           देखो-देखो आज़ाद चला।     


रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।

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