क्रांतिकारी सत्येंद्र नाथ बोस
गरम विचारों के क्रांतिकारी थे बोस,
30 जुलाई 1882 मिर्जापुर में जन्मे बोस।
स्वतंत्रता में था अभूतपूर्व योगदान,
अरविंद घोष के प्रभाव से क्रांतिकारी बने बोस।।
युवकों को चेताने को "छात्र भंडार" संस्था बनाई,
स्वदेशी प्रचार करने की धुन थी जगाई।
क्रांतिकारी दल से युवकों का हुआ जुड़ाव,
लोकमान्य तिलक, अरविंद के विचारों से गर्मी आई।।
अवैध हथियार रखने की सजा पाई,
जेल में मुखबिर को मारने की योजना बनाई।
हत्या का मुकदमा चला पर धैर्य न छोड़ा,
21 नवंबर 1908 को फाँसी की सजा पाई।।
देश के लिए प्राणों को बलिदान कर दिया,
शहादत को अपने एक अंजाम दे दिया।
ऋणी रहेगा देश हमेशा उनके त्याग का,
स्वतंत्रता सेनानियों में अमर नाम कर दिया।।
बच्चों को उनकी वीरगाथा सुनाना चाहिए,
इतिहास से उनका परिचय कराना चाहिए।
दफन ना हो जाए यह राज देखो बंधुओं,
सत्य को उजागर होना ही चाहिए।।
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