बाल गंगाधर तिलक व चन्द्रशेखर आजाद
आज का दिन है बड़ा शुभ और महान,
दो सितारों से चमका हिन्दुस्तान।
एक बाल गंगाधर तिलक और एक आजाद,
दोनों ही रहे भारत देश की शान।।
23 जुलाई 1856 तिलक का हुआ जन्म,
देशभक्ति का रहा शुरू से इल्म।
समाज सुधारक, वकील और शिक्षक,
स्वराज के समर्थक "लोकमान्य" प्रिय नाम।।
अंग्रेजी शिक्षा के घोर आलोचक,
भारतीय सभ्यता के प्रबल प्रवर्तक।
"मराठा दर्पण" "केसरी" समाचार पत्र में सक्रियता,
बेबाक टिप्पणी से जेल गये बने आलोचक।।
स्वराज बताया जन्मसिद्ध अधिकार,
पीछे हटने से सदा किया इंकार।
विवाह की उम्र का अधिनियम पारित कराया,
राजद्रोह के आरोप को किया दरकिनार।।
चंद्रशेखर आजाद स्वतंत्रा सेनानी,
अंग्रेजों को दिलाई इन्होंने याद नानी।
विस्मिल, भगत सिंह के अन्यतम साथी,
ब्रिटिशर्स को पड़ी हर बार मुँह की खानी।।
23 जुलाई 1906 भांवरागांव में जन्म लिया,
माता जगरानी देवी पिता सीताराम को धन्य किया।
असहयोग आंदोलन ने बदले इनके विचार,
9 अगस्त को काकोरी कांड रच दिया।।
लाला लाजपत राय की मौत का बदला लिया,
असेंबली बम कांड को भी अंजाम दिया।
झाँसी को अपना राजनैतिक गढ़ बनाया,
छद्म वेश धारण कर सबको छकाया ।।
हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन बनाया,
चंद्रशेखर ने सेना प्रमुख का दायित्व निभाया।
आखिरी फैसला तक संघर्ष रहा जारी,
भारत का वीर सपूत तनिक ना डगमगाया।।
1 अगस्त 1920 मुंबई में आँख मूँदे तिलक,
आधुनिक भारत के निर्माण, क्रांति के थे जनक।
27 फरवरी 1931 आजाद हुए आजाद,
दोनों थे भारतीय स्वतंत्रता के प्रवर्तक।।
Comments
Post a Comment