क्रान्तिकारी सत्येंद्र नाथ बोस

आओ! भारत देश का,

गौरवपूर्ण इतिहास दोहराएँ।

जानें एक और क्रांतिकारी को,

सबको वीर गाथा सुनाएंँ।।


गरम विचार, उग्र स्वभाव,

था अरविन्द घोष का प्रभाव।

सन् अट्ठारह सौ बयासी,

जन्मे अभूतपूर्व राष्ट्रवादी।। 


छात्र भण्डार संस्था बनाई,

स्वदेशी अपनाओ की धुन जगायी।

खोजा खुदीराम बोस को,

किंग्सफोर्ड की हत्या करवायी।।


अलीपुर बम कांड के मुखबिर,

वीरेन को मार गिराए।

चला मुकदमा हत्या का,

फाँसी की सजा पाए।।


गुमनामी के अंधेरों में,

ये वीर खो ना जाएँ।

याद करें शहादत को,

सम्मान में शीश नवाएँ।।


रचयिता

ज्योति विश्वकर्मा,

सहायक अध्यापिका,

पूर्व माध्यमिक विद्यालय जारी भाग 1,

विकास क्षेत्र-बड़ोखर खुर्द,

जनपद-बाँदा।

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