हमारा राष्ट्रीय ध्वज
स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति का,
ध्वज रहा प्रतीक सदा।
22 जुलाई स्मरण दिवस है,
तिरंगे के अंगीकरण का।।
इतिहास है बड़ा रोचक,
हमारे राष्ट्रीय ध्वज का।
अतीत काल में झंडे का,
स्वरूप ही कुछ और था।।
सिस्टर निवेदिता ने फहराया,
ध्वज लाल पीले रंग का।
शचींद्रनाथ बोस लाए झंडा,
केसरिया पीले हरे रंग का।।
मैडम कामा जर्मनी में,
राष्ट्रीय ध्वज फहराएँ।
हरा केसरिया श्वेत रंग इसके,
धार्मिक एकता बतलाएँ।।
फिर आया प्यारा तिरंगा,
सबके मन को जो भाए।
केसरिया रंग वीरों के,
बलिदान को बतलाए।।
सत्य अहिंसा शांति का,
प्रतीक बना श्वेत रंग।
हरी-भरी धरती देखो,
अनुपम हरे रंग के संग।।
चक्र कहे गतिशील रहो,
नित जीवन में अपने।
जन-गण-मन की अवधारणा,
फैलाओ फिर जन-जन में।।
रचयिता
ज्योति विश्वकर्मा,
सहायक अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय जारी भाग 1,
विकास क्षेत्र-बड़ोखर खुर्द,
जनपद-बाँदा।
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