बटुकेश्वर दत्त
नमन मेरा उस क्रांतिकारी को,
नमन मेरा उस वीर सपूत को।
18 नवंबर 1910 को अवतार लिया,
धन्य किया जिसने भारत माँ को।।
भगत सिंह से मिलकर बदल गया जीवन,
स्नातक स्तर की शिक्षा ली कॉलेज पी पी एन।
बम बनाना सीखा देश की आजादी को,
स्वतंत्रता की चिंगारी ने प्रभावित किया जीवन।।
8 अप्रैल 1929 संसद भवन में किया धमाका,
ब्रिटिश साम्राज्य की तानाशाही के विरोध का तरीका।
गिरफ्तार हुए पर स्वाभिमान नहीं छोड़ा,
युवाओं को दिखाया जीवन जीने का तरीका।।
12 जून 1929 आजीवन कारावास मिला,
देशभक्ति की लौ को एक आधार मिला।
1933 ,1937 ऐतिहासिक भूख हड़ताल की,
1945 में रिहाई का अधिकार मिला।।
20 जुलाई 1965 अस्त हुआ यह सितारा,
मातृभूमि के लिए रखते थे जज्बा प्यारा।
अर्पित कर दिया जीवन तनिक भी न सोचा,
गुमनामी का जीवन जिए वीर सपूत सारा।।
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