कारगिल विजय दिवस

शौर्य पराक्रम और विजय की गाथा,

है कारगिल विजय दिवस की जुबानी।

 माँ भारती की रक्षा करने वाले,

वीर जांबाजों, शहीदों की है कहानी।।


वर्ष 1999 में, जब घुस आए घुसपैठिए,

पाकिस्तानी संरक्षण से मजबूत थे उनके हौसले।

वीर जांबाजों ने दिखाकर शौर्य और वीरता,

कर दिए थे उनके अरमान सारे खोखले।।


तोपों गोलों और गोलियों की बौछार से,

रक्तरंजित हो गई थी भूमि हर एक प्रहार से।

दिखाकर वीरता, साहस और शौर्य,

जांबाजों ने भगा दिए थे सारे घुसपैठिए।।


हो गई गोदें सूनी, माँगो का सिंदूर उजड़ गया,

 बच्चों के सिर से बाप का साया उठ गया।

हर एक वीर शहीद पाकर वीरगति,

 इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कर गया।।


शहीदो वीरों को करने श्रद्धांजलि अर्पण,

26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाते हैं।

शूरवीर पराक्रमी और वीर सैनिकों को,

 हम भारतवासी शीश नवाते हैं।।


रचयिता

अमित गोयल,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय निवाड़ा,

विकास क्षेत्र व जनपद-बागपत।

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