शत शत नमन
हे जनता के प्रतिनिधि
थे जो मिसाइल मैन।
बनाएँगे भारत को महाशक्ति,
किये प्रयास नहीं था चैन।।
हे हृदय विशाल, है तुमको,
मेरा शत शत नमन।
थे मजबूत इरादों वाले,
देश का चाहा हमेशा अमन।।
युवा शक्ति को निरंतर,
आगे बढ़ने को प्रेरित किया।
उड़ते देखा जब पक्षियों को,
विमान वैज्ञानिक बनने का
निश्चय किया।।
गरीब परिवार के थे कलाम,
रहते थे संयुक्त परिवार में।
पाँच भाई थे पाँच बहन,
पिता की छवि उनके संस्कार में।।
अखबार करते थे वितरित,
रहे शिक्षा निरंतर जारी।
दीक्षा ली प्राथमिक विद्यालय में,
शिक्षक थे उनके इयादुराई।।
राष्ट्रपति भारत देश के,
अनुशासन के थे पक्के।
रोहिणी उपग्रह अंतरिक्ष में,
कराया प्रक्षेपित, थे मन के सच्चे।।
वैज्ञानिक, वकील, राष्ट्रपति
महान व्यक्तित्व को नमन।
गीता और कुरान दोनों का,
कलाम जी करते थे अध्ययन।।
विभूषित थे भारत रत्न से,
पद्म भूषण सम्मान से सुशोभित थे।
त्याग दिया नश्वर शरीर को,
आत्मा से अति अलंकृत थे।।
रचयिता
गीता देवी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मल्हौसी,
विकास खण्ड- बिधूना,
जनपद- औरैया।
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