सजीवों का वास स्थान
स्थान जहाँ पर जीव है रहता,
और अनूकूल दशाएँ पाता।
पर्याप्त सुरक्षा भोजन मिलता,
और प्रजनन उपयुक्त होता।
वास स्थान उसे उसका कहते,
जल थल वायु मरुस्थल होते।
जल में रहने वाले जलीय,
स्थल वाले हैं स्थलीय।
जल थल दोनों में जो रहते,
उभयचर जीव उन्हें हम कहते।
रेगिस्तान के जीव बतायें,
मरुस्थलीय वे सब कहलायें।।
उपयुक्त दशाएँ वे सब पाते,
जिस कारण जिन्दा रह पाते।
मछली सिंघाडा रहते जल में,
गाय बैल नीम स्थल में।
नागफनी ऊँट बबूल मरुस्थल,
मेढक रहता जल और स्थल।
रचयिता
साकेत बिहारी शुक्ल,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय -कटैया खादर,
विकास खण्ड-रामनगर,
जनपद-चित्रकूट।
मोबाइल-9695712961
और अनूकूल दशाएँ पाता।
पर्याप्त सुरक्षा भोजन मिलता,
और प्रजनन उपयुक्त होता।
वास स्थान उसे उसका कहते,
जल थल वायु मरुस्थल होते।
जल में रहने वाले जलीय,
स्थल वाले हैं स्थलीय।
जल थल दोनों में जो रहते,
उभयचर जीव उन्हें हम कहते।
रेगिस्तान के जीव बतायें,
मरुस्थलीय वे सब कहलायें।।
उपयुक्त दशाएँ वे सब पाते,
जिस कारण जिन्दा रह पाते।
मछली सिंघाडा रहते जल में,
गाय बैल नीम स्थल में।
नागफनी ऊँट बबूल मरुस्थल,
मेढक रहता जल और स्थल।
रचयिता
साकेत बिहारी शुक्ल,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय -कटैया खादर,
विकास खण्ड-रामनगर,
जनपद-चित्रकूट।
मोबाइल-9695712961
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