जीवन है संघर्ष

अभिमान  न जीवन में  आये,
स्वाभिमान  न  तुम खोने  देना।
जीवन है  जटिल,  संघर्ष  भरा,
मन न विचलित  होने  देना।

बहुत  अनमोल है  मानव  जीवन,
इसको  सफल  बनाना है।
बाधाएँ लाख अगर  आयें,
उससे  किन्चित न घबराना है।

बाधाएँ  आएँगी  जीवन में,
आशाएँ  भी  टूटेगी  तेरी।
टुकड़े  - टुकड़े  उम्मीदें  होगी,
फिर  गिर के  तुम्हें  संभलना  है।

कोई  हाथ  नहीं  देगा,
कोई  साथ  नहीं  देगा।
जिसके  कभी  सहारा  तुम,
पहले  चोट  वही  देगा ।

तुम  दुनिया  वालों  से  न डरना,
न संघर्षों  से  घबराना।
उनकी  कटाक्ष  वाणी से,
मनोबल  न झुकने  देना।

उत्साह  भरा  हो  जीवन  तेरा,
असम्भव को  संभव  कर  दिखला  देना।
अभिमान न जीवन में आये,
स्वाभिमान न तुम खोने देना।

रचयिता
बिधु सिंह, 
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गढी़ चौखण्ड़ी, 
विकास खण्ड-बिसरख,               
जनपद-गौतमबुद्धनगर।

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