सुभाष चन्द्र बोस..... जयंती
तुम स्वतंत्रता के प्रयास थे,
राष्ट्र प्रेम के रजत हास थे।
अखण्डता के अन्वेषक तुम,
क्रांति दूत नेता सुभाष थे।
अनुपम क्रांति सृजेता थे तुम,
भारत भाग्य प्रणेता थे तुम।
युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे,
सही अर्थ में 'नेता' थे तुम।
राष्ट्र प्रेम के सघन राग थे,
जन-मन पुष्पों के पराग थे।
हे 'जय -हिंद' नाद के घोषक!
तुम जीवन में भरे आग थे।
शब्दों भावों की रोली से
चंदन करती हूँ....
जन्मदिवस पर आज
तुम्हारा वंदन करती हूँ।
रचयिता
राष्ट्र प्रेम के रजत हास थे।
अखण्डता के अन्वेषक तुम,
क्रांति दूत नेता सुभाष थे।
अनुपम क्रांति सृजेता थे तुम,
भारत भाग्य प्रणेता थे तुम।
युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे,
सही अर्थ में 'नेता' थे तुम।
राष्ट्र प्रेम के सघन राग थे,
जन-मन पुष्पों के पराग थे।
हे 'जय -हिंद' नाद के घोषक!
तुम जीवन में भरे आग थे।
शब्दों भावों की रोली से
चंदन करती हूँ....
जन्मदिवस पर आज
तुम्हारा वंदन करती हूँ।
रचयिता
डॉ0 प्रवीणा दीक्षित,
हिन्दी शिक्षिका,
के.जी.बी.वी. नगर क्षेत्र,
beautiful lines
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