हिन्द के निवासी

1
हिन्द   के  निवासी  हैं, फख्र करेंगे
देश  के   लिए  जियेंगे, मर  मिटेंगे।।

ये   दौलत, जवानी  कुर्बान  करेंगे
देश   के  लिए  हम  नग़मे लिखेंगे।।

तिरंगे  को  शान से, हाथों में थामेंगे
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां पढ़ेंगे।।

ख़ाखे ज़माने से, हम अब ये कहेंगे
दुश्मन के सितम हरगिज़ ना सहेंगे।।

हिन्द में पड़ी, गलत निगाहों को चीरेंगे
देश के सैनिक हैं, दुश्मन हमसे डरेंगे।।

ज़ुल्म, भ्रष्टाचार  को  उखाड़ फेंकेगे
इस  वर्ष  से हम  सब  नव प्रण लेंगे।।

अंधेरी बस्तियों में भी अब दिये जलेंगे
बेसहारों  को  भी  अब  सहारा मिलेंगे।।

अंधेरों  की  घटा  छटेगी, समां  जलेंगे
आकिब' जिंदगी किसी की रौशन करेंगे।।

2
तुम देश को बदनाम मत करना
कभी तुम भेदभाव  मत करना

विभिन्न जात-पात, धर्म के हम
इंसानियत शर्मसार मत करना

यूँ सब त्यौहार मिल बाँट मनाते
अपनी सोच हलाक मत करना

देश से अपने हरदम प्यार करते
मज़लूम को परेशान मत करना

सियासत की रोटियाँ सेंकने को
तुम अब दंगे फसाद मत करना

तिरंगे को सलामी देते सब लोग
यूँ हिन्दू-मुस्लिम अब मत करना

लोगों की नफ़रत देख सिहर उठूँ
आकिब" तुम नफ़रत मत करना

रचयिता
आकिब जावेद,
सहायक अध्यापक,
अंग्रेजी माध्यम प्राइमरी स्कूल उमरेहण्डा,
विकास खण्ड-बिसंडा,
जिला-बाँदा,
उत्तर प्रदेश।

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