घर
विषय हमारा परिवेश (कक्षा 5)
मेरा प्यारा प्यारा घर।
सारे जग से न्यारा घर।।
ऊँचे-ऊँचे बाँस के घर।
बारिश से न लगता डर।।
इग्लू होता बर्फ़ का घर।
ठण्ड न घुसती कभी उधर।।
कम बारिश मिट्टी के घर।
गर्मी न जाए कभी अन्दर।।
हाउसबोट को देखो अगर।
ये है पानी में तैरता घर।।
चीन में जो हाउसबोट बनते।
चीनी उनको सामपान हैं कहते।।
पहाड़ों में बनते पत्थर के घर।
जिनपे बर्फ़ का न होता असर।।
टेण्ट होता अस्थाई घर।
घुमन्तुओं का होता इनमें बसर।।
रचयिता
गीता यादव,
प्रधानाध्यपिका,
प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर,
विकास खण्ड-देवमई,
जनपद-फ़तेहपुर।
मेरा प्यारा प्यारा घर।
सारे जग से न्यारा घर।।
ऊँचे-ऊँचे बाँस के घर।
बारिश से न लगता डर।।
इग्लू होता बर्फ़ का घर।
ठण्ड न घुसती कभी उधर।।
कम बारिश मिट्टी के घर।
गर्मी न जाए कभी अन्दर।।
हाउसबोट को देखो अगर।
ये है पानी में तैरता घर।।
चीन में जो हाउसबोट बनते।
चीनी उनको सामपान हैं कहते।।
पहाड़ों में बनते पत्थर के घर।
जिनपे बर्फ़ का न होता असर।।
टेण्ट होता अस्थाई घर।
घुमन्तुओं का होता इनमें बसर।।
रचयिता
गीता यादव,
प्रधानाध्यपिका,
प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर,
विकास खण्ड-देवमई,
जनपद-फ़तेहपुर।
It makes the learning easier and long-lasting. Great job.
ReplyDeleteWah ma'am
ReplyDeletenice
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