शिक्षक आह्वान गीत

हम शिक्षक हैं हमें बढ़ना है।
कुछ करने की मन में ठाना है,
 तो बढ़ना है ---------------------।
हम शिक्षक हैं हमें बढ़ना है।।

बच्चों को नया सिखाना है,
उनको अधिकार दिलाना है।
क्षमता के अनुरूप पढ़ाना है,
 सो कुछ करना है।
हम शिक्षक हैं हमें बढ़ना है ।।

उन्हें नई राह दिखलाएँगे।
उनको हम मन से पढ़ाएँगे।
उनमें नई सोच हम जगाएँगे,
तो कुछ करना है।
 हम शिक्षक हैं हमें बढ़ना है।।

अपने अधिकार को जाने हम।
 राग द्वेष को मिटाएँ हम।
हमें भ्रष्टाचार मिटाना है,
सो लड़ना है--------
 हम शिक्षक हैं हमें बढ़ना है।।

अपने कर्तव्य को जानें हम।
 कुछ नवाचार की ठानें हम।
 समता का राग बनाना है
सो बढ़ना है------
 हम शिक्षक हैं हमें बढ़ना है।।

 भयमुक्त वातावरण हमारा हो।
 सब पढ़ें सब बढ़ें का नारा हो।
छात्रों को हमें सँवारना है
सो रचना है -------
हम शिक्षक हैं हमें बढ़ना है ।
हम शिक्षक हैं हमें बढ़ना है।।

रचयिता
अनुरंजना सिंह,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोठिलिहाई,
जनपद-चित्रकूट।

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