आओ हम हिंदी अपनाएँ
एक जननी मेरी भारत माँ,
दूजी जननी हिंदी माँ,
सब मिल माँ का मान बढ़ाएँ,
आओ हम हिंदी अपनाएँ।
हिंदी हिन्द की गौरव गाथा,
हम सबकी है ये परिभाषा,
सोच-विचार हिन्दीमय करके,
हिंदी जय के गीत हम गायें।
सरलता और सहजता का,
अद्भुत है इसमें संगम,
निज भाषा को अपनाकर,
परंपरा हिंदी कर जाएँ।
एकता सूत्र में बाँधा है,
इसने एक-एक जन-जन,
वीरों की इस वीरभूमि को,
हिंदी के सुमधुर गीत सुनाएँ।
स्वाधीनता का ओढ़ा दामन,
तब क्यों कर विचार करें,
परभाषा को तज कर आओ,
हिंदी का आह्वान करें।
रग़ों में बहता रक्त कह रहा,
हिन्द की आभा है हिंदी,
ऐसी कालजयी भाषा को,
हिन्दोस्तां का हृदय बनाएं।
है विरासत ये मेरी,
ये ही है अभिमान मेरा,
गर्व से भारतवासी मिलकर,
विश्व हिंदी दिवस मनाएँ।
सब मिल माँ का मान बढ़ाएँ,
आओ हम हिंदी अपनाएँ।
रचयिता
पूजा सचान,
सहायक अध्यापक,
English Medium
Primary School Maseni,
Block-Barhpur,
District-FARRUKHABAD.
दूजी जननी हिंदी माँ,
सब मिल माँ का मान बढ़ाएँ,
आओ हम हिंदी अपनाएँ।
हिंदी हिन्द की गौरव गाथा,
हम सबकी है ये परिभाषा,
सोच-विचार हिन्दीमय करके,
हिंदी जय के गीत हम गायें।
सरलता और सहजता का,
अद्भुत है इसमें संगम,
निज भाषा को अपनाकर,
परंपरा हिंदी कर जाएँ।
एकता सूत्र में बाँधा है,
इसने एक-एक जन-जन,
वीरों की इस वीरभूमि को,
हिंदी के सुमधुर गीत सुनाएँ।
स्वाधीनता का ओढ़ा दामन,
तब क्यों कर विचार करें,
परभाषा को तज कर आओ,
हिंदी का आह्वान करें।
रग़ों में बहता रक्त कह रहा,
हिन्द की आभा है हिंदी,
ऐसी कालजयी भाषा को,
हिन्दोस्तां का हृदय बनाएं।
है विरासत ये मेरी,
ये ही है अभिमान मेरा,
गर्व से भारतवासी मिलकर,
विश्व हिंदी दिवस मनाएँ।
सब मिल माँ का मान बढ़ाएँ,
आओ हम हिंदी अपनाएँ।
रचयिता
पूजा सचान,
सहायक अध्यापक,
English Medium
Primary School Maseni,
Block-Barhpur,
District-FARRUKHABAD.
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