राष्ट्र वंदना

मेरी आस मेरा देश
मेरी साँस मेरा देश,
मेरे राष्ट्र तुम्हें हम सब, श्रम बिन्दु चढ़ाते हैं,
तू सबल बने जिससे, वो कदम उठाते हैं, 1.
तू गर्व हमारा है, श्रृंगार हमारा है,
अस्तित्व हमारा तू, प्राणों से प्यारा है|
कृतज्ञ भाव से हम, तुझे शीश नवाते हैं|
तू सबल.. 2||
हमको तूने करुणा, तप, त्याग, सिखाया है,
सत्य क्षमा जैसे, कुछ शस्त्र थमाया है ,
उद्वेलित सीखों से, श्रम बिन्दु बहाते हैं|
तू सबल.. 3||
तेरे शौर्य समृद्धि को, इतिहास बताता है,
तेरी कृतियों से यह, जग वाणी पाता है,
समवेत ध्वनि से हम तेरी गाथा गाते हैं,
तू सबल बने जिससे, वो कदम उठाते हैं||4.

रचयिता
शमसुन निसा,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय पुकारी, 
विकास क्षेत्र-नरैनी, 
जनपद-बाँदा। 


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