मेरा भारत महान
सपनों में एक सपना देखा
मुस्कुरा रही है धरा
पूछ रहा है आसमां
क्यों मुस्कुरा रही हो धरा?
हरी भरी हो गई मैं धरा
फिर क्यों ना मुस्कुराए धरा।
सपनों में एक सपना देखा
जल भी हो रहा खुश
मैंने पूछा क्यों खुश हो रहे नीर?
हो गया मैं निर्मल
बन गया दर्पण
दिख रहा कितना सुंदर
बढ़ गई चमक
फिर क्यों ना खुश हो नीर।
सपनों में एक सपना देखा
पवन भी मुस्कुराए मंद-मंद
क्यों मुस्कुराए पवन मंद-मंद?
पूछ रहा है आसमां
हो गई मैं निर्मल
साँस ले रहा है जन-जन
फिर क्यों ना मुस्कुराए पवन।
सपनों में एक सपना देखा
खुश हो रही हैं बेटियाँ
खिल खिला रही हैं नारियाँ
चहकने लगा मैं भी
देख सुरक्षित वातावरण
देख हरित सुरक्षित पर्यावरण
खुश हो रहीं भारत माँ
जी उठी माँ जी उठी मव्वन
मेरा भारत महान मेरा भारत महान।
रचयिता
अर्चना गुप्ता,
प्रभारी अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिजौरा,
विकास खण्ड-बंगरा,
जिला-झाँसी।
मुस्कुरा रही है धरा
पूछ रहा है आसमां
क्यों मुस्कुरा रही हो धरा?
हरी भरी हो गई मैं धरा
फिर क्यों ना मुस्कुराए धरा।
सपनों में एक सपना देखा
जल भी हो रहा खुश
मैंने पूछा क्यों खुश हो रहे नीर?
हो गया मैं निर्मल
बन गया दर्पण
दिख रहा कितना सुंदर
बढ़ गई चमक
फिर क्यों ना खुश हो नीर।
सपनों में एक सपना देखा
पवन भी मुस्कुराए मंद-मंद
क्यों मुस्कुराए पवन मंद-मंद?
पूछ रहा है आसमां
हो गई मैं निर्मल
साँस ले रहा है जन-जन
फिर क्यों ना मुस्कुराए पवन।
सपनों में एक सपना देखा
खुश हो रही हैं बेटियाँ
खिल खिला रही हैं नारियाँ
चहकने लगा मैं भी
देख सुरक्षित वातावरण
देख हरित सुरक्षित पर्यावरण
खुश हो रहीं भारत माँ
जी उठी माँ जी उठी मव्वन
मेरा भारत महान मेरा भारत महान।
रचयिता
अर्चना गुप्ता,
प्रभारी अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिजौरा,
विकास खण्ड-बंगरा,
जिला-झाँसी।
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